इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की डेडलाइन (ITR Filing Deadline) करीब है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) खुद हर रोज टैक्सपेयर्स को इस बात की याद दिला रहा है और जल्द से जल्द आईटीआर भरने की अपील कर रहा है. अगर आपने भी अभी तक ITR फाइल नहीं किया है तो बिना देरी किए ये काम निपटा लीजिए. फिलहाल ITR भरने की आखिरी तारीख यानी डेडलाइन 31 जुलाई 2022 है.
इनकम टैक्स रिटर्न भरने से संबंधित असेसमेंट ईयर (AY) में हुए डिडक्शंस का रिफंड तो मिलता ही है, इसके अलावा भी आईटीआर के कई महत्व हैं. आपको कार लोन (Car Loan) या होम लोन (Home Loan) लेना है, तो बैंक आपसे आईटीआर की मांग करेगा. अत: भले ही आपकी इनकम टैक्सेबल नहीं हो, इसके बाद भी आपको अनिवार्य रूप से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए. इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय लोग कई बार कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं, इसके कारण न तो उन्हें रिफंड मिल पाता है और न ही आईटीआर को वैलिड माना जाता है. ये छोटी-छोटी गलतियां टैक्सपेयर्स के लिए बड़े घाटे का सौदा साबित हो सकती हैं. आइए जानते हैं कि ITR भरते समय किन बातों पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि आपको परेशानियों का सामना नहीं करना पडे़...
आईटीआर के सही फॉर्म का चयन
आईटीआर भरते समय सही ITR फॉर्म का चयन सबसे जरूरी चीज है. आपको कौन-सा ITR फॉर्म भरना है, ये कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे आपके आय के स्त्रोत क्या हैं, क्या कोई आवासीय संपत्ति है, क्या विदेश में कोई संपत्ति है या क्या आप किसी कंपनी में पार्टनर हैं? अगर आप नौकरी-पेशा हैं और आय का एकमात्र स्रोत सैलरी है, तो आपको आईटीआर-1 भरना होगा. वहीं अगर आप किसी बिजनेस से प्रॉफिट कमा रहे हैं या शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड अथवा प्रॉपर्टी से कैपिटल गेन कमा रहे हैं तो आपको ITR-2 फाइल करना पड़ेगा.
पर्सनल और बैंक अकाउंट डिटेल्स
ITR भरते समय पर्सनल जानकारी सटीक देना बहुत जरूरी है. एक भी गलत जानकारी देने पर आईटीआर फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है. इसके अलावा रिफंड का दावा करने वाले टैक्सपेयर्स को बैंक खाते की सही डिटेल्स देनी चाहिए. बैंक अकाउंट का प्री-वैलिडेट होना भी जरूरी है. IFSC कोड या बैंक खाते से जुड़ी जानकारी सही नहीं होने पर रिफंड फंस सकता है.
आईटीआर में इनकम छुपाना
कई टैक्सपेयर्स टैक्स से छूट प्राप्त आय को ITR में नहीं दिखाते हैं. उदाहरण के लिए, PPF से ब्याज के रूप में हुई कमाई, सुकन्या समृद्धि योजना में मिला ब्याज, रिश्तेदारों से मिला गिफ्ट आदि. वैसे आपको बता दें कि दोस्तों, परिजनों और रिश्तेदारों से मिले सारे गिफ्ट टैक्स-फ्री नहीं होते हैं. एक लिमिट के बाद इनके ऊपर भी इनकम टैक्स देना पड़ता है. टैक्स से छूट प्राप्त इन तरीकों की आय को रिटर्न में नहीं दिखाने पर आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है.
डेडलाइन के इंतजार में बैठे रहना
डेडलाइन के बाद ITR फाइल करने पर जुर्माना देना पड़ सकता है. अगर आप 31 जुलाई 2022 से पहले रिटर्न फाइल करते हैं, तो गलती होने पर ITR में संशोधन करने का विकल्प मिलेगा. इस डेडलाइन के बाद रिटर्न फाइल करने पर कुछ भी सुधार करने की इजाजत नहीं मिलेगी. अगर डेडलाइन नहीं बढ़ाई गई तो 31 जुलाई के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
ITR वेरीफाई नहीं करना
ITR भर देना काफी नहीं होता है. आईटीआर को वेरिफाई करना भी रिटर्न भरने जितना जरूरी है. कई लोग ITR तो भर देते हैं, लेकिन वेरिफाई नहीं करते हैं. ITR वेरिफाई करने के लिए आपके पास रिटर्न भरने के बाद अगले 120 दिन का समय होता है. आईटीआर को वेरिफाई करने के कई विकल्प उपलब्ध हैं. सबसे आसान तरीका आधार ऑथेंटिकेशन है. इसके अलावा बैंक अकाउंट के जरिए भी आईटीआर को वेरिफाई किया जा सकता है. ऑनलाइन नहीं होने पर ITR की कॉपी सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को भेजकर उसे वेरिफाई किया जा सकता है. याद रखें, जब तक आईटीआर का वेरिफिकेशन नहीं होगा, तब तक आपका रिफंड प्रोसेस नहीं होगा.
हर किसी को भरना चाहिए ITR
ऐसे भी कई मामले देखने को मिलते हैं कि कई लोग ITR फाइल ही नहीं करते हैं. हर किसी को ऐसी गलती करने से बचना चाहिए. अगर आपकी आय टैक्सेबल है और आप टैक्स नहीं भर रहे हैं या फिर अगर आपने इनकम को लेकर गलत जानकारी दी है, तो ये मान लिया जाता है कि आप टैक्स की चोरी करने का प्रयास कर रहे थे. ऐसे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट न सिर्फ आपको नोटिस जारी कर सकता है, बल्कि भारी-भरकम जुर्माना भी लगा सकता है. इसके अलावा जेल की सजा भुगतने की भी नौबत आ सकती है. इनके अलावा आईटीआर नहीं भरने से आप कई लाभ से वंचित हो सकते हैं. आपको बैंक से कोई भी लोन लेने में दिक्कतें होंगी.