ITR Verification Last Date: असेसमेंट ईयर 2022-23 (AY 22-23) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन पहले ही समाप्त हो चुकी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस बार डेडलाइन यानी 31 जुलाई तक करीब 5.83 करोड़ टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल किया है. इनमें से कइयों के रिटर्न को प्रोसेस किया जा चुका है और उन्हें रिफंड (Income Tax Refund) जारी हो चुके हैं. रिटर्न की प्रोसेसिंग (ITR Processing) और रिफंड के लिए आईटीआर का वेरिफिकेशन (ITR Verification) जरूरी होता है. दरअसल वेरिफिकेशन के बाद ही इनकम टैक्स रिटर्न भरने (Income Tax Return Filing) की प्रक्रिया पूरी होती है. अगर आपने अभी तक अपना आईटीआर वेरिफाई नहीं किया है, तो बिना देरी किए ये काम फटाफट निपटा लें, वर्ना भारी-भरकम जुर्माना भरना पड़ सकता है.
घट गया वेरिफाई करने का समय
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने आईटीआर को प्रोसेस करने और रिफंड जारी करने की प्रक्रिया अब काफी सरल कर दी है. अब ज्यादातर टैक्सपेयर्स को आईटीआर भरने के महज 2 सप्ताह के भीतर रिफंड का पैसा मिलने लगा है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नई व्यवस्था के अनुसार, अब कोई भी टैक्सपेयर रिटर्न भरने के 10 दिनों के बाद रिफंड का स्टेटस चेक कर सकता है. हालांकि इसके लिए आईटीआर भरने के बाद उसे वेरिफाई करना जरूरी है. पहले आईटीआर फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई करने के लिए टैक्सपेयर्स को 120 दिन मिलते थे, जिसे घटाकर अब महज 30 दिन कर दिया गया है.
आईटीआर को वेरिफाई करना जरूरी
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डाइरेक्ट टैक्सेज ने 29 जुलाई 2022 को जारी एक नोटिफिकेशन में कहा था कि आईटीआर वेरिफिकेशन के नए नियम 01 अगस्त 2022 से लागू हो जाएंगे. 01 अगस्त 2022 के बाद जो लोग आईटीआर फाइल करेंगे, उनके पास वेरिफिकेशन के लिए महज 30 दिन का समय होगा. वहीं आईटीआर भरने की डेडलाइन यानी 31 जुलाई तक यह काम निपटा लेने वाले लोगों को वेरिफाई करने के लिए 120 दिनों का समय मिलेगा. सीबीडीटी ने नोटिफिकेशन में ये भी साफ किया था कि अगर टैक्सपेयर 30 दिन की समयसीमा के बाद आईटीआर को वेरिफाई करता है तो ऐसे मामलों में वेरिफिकेशन की तारीख ही इनकम टैक्स रिटर्न की फर्निशिंग की तारीख मानी जाएगी.
ऐसे में करदाता को इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत जुर्माना समेत देर से रिटर्न फाइल करने के अन्य प्रतिकूल परिणामों का सामना करना पड़ेगा. इसका साफ मतलब हुआ कि ऐसे मामलों में करदाता को 5000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. रिटर्न को वेरिफाई करने के 2 तरीके हैं. पहला तरीका इलेक्ट्रॉनिक है, जिसमें बैंक अकाउंट या आधार से वेरिफाई किया जा सकता है. दूसरा तरीका ITR-V की साइन्ड कॉपी वाया पोस्ट भेजकर वेरिफाई करने का है.
इन कारणों से भी अटक जाता है रिफंड
कई मामलों में आईटीआर वेरिफाई करने के बाद भी इनकम टैक्स रिफंड अटक जाता है. रिफंड अटकने के मामलों में एक बड़ा कारण बैंक खाते के डिटेल्स में गलती है. अगर आपने फॉर्म भरते हुए अपने खाते का विवरण गलत भरा है तो इस कारण आपका रिफंड अटक सकता है. ऐसी स्थिति में आपको आयकर विभाग की साइट पर खाते का विवरण सही करना पडे़गा. बैंक अकाउंट का पैन कार्ड से लिंक होना भी जरूरी है. इसके अलावा कुछ एडिशनल डॉक्यूमेंट की रिक्वायरमेंट के कारण भी रिफंड में देरी होती है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कई बार रिटर्न प्रोसेस करते समय कुछ कागजातों की मांग करता है. कई मामलों में आउटस्टैंडिंग टैक्स के चलते रिफंड अटक जाता है. हालांकि इस स्थिति में भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर को नोटिस भेजकर सूचित करता है.