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बजट में हुआ था ऐलान, अब पता चला कब से कर पाएंगे Digital Currency का यूज!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डिजिटल करेंसी को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और दूसरी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के जरिए पेश किया जाएगा. ये डिजिटल इकोनॉमी को बिग बूस्ट देगा. साथ ही करेंसी मैनेजमेंट को ज्यादा इफीशिएंट और कम लागत वाला बनाएगा.

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डिजिटल रुपया अगले वित्त वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगा.
डिजिटल रुपया अगले वित्त वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगा.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • डिजिटल करेंसी आने से डिजिटल इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा
  • डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक ऑपरेट करेगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट (Budget) पेश करते हुए कहा था कि जल्द केंद्रीय बैंक के समर्थन वाला 'डिजिटल रुपया' (Digital Currency) पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि RBI ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित डिजिटल मनी को पेश करेगा. सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी आने से डिजिटल इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा.

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अगले साल डिजिटल करेंसी का होगा इस्तेमाल

भारत को अपनी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा 2023 की शुरुआत में मिल सकती है. यह मौजूदा समय में उपलब्ध किसी निजी कंपनी के संचालन वाले इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट जैसी ही होगी, लेकिन इसके साथ 'सरकारी गारंटी' जुड़ी होगी, एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने यह जानकारी दी. 

पीटीआई के मुताबिक इस सूत्र ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा में भारतीय करेंसी की तरह विशिष्ट अंक होंगे. यह 'फ्लैट' मुद्रा से भिन्न नहीं होगी, यह उसका डिजिटल रूप होगा. एक प्रकार से कह सकते हैं कि यह सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वॉलेट होगा. डिजिटल मुद्रा के रूप में जारी इकाइयों को चलन में मौजूद मुद्रा में शामिल किया जाएगा.

कैसे करेगा काम?

सूत्र ने बताया कि केंद्रीय बैंक ने संकेत दिया है कि डिजिटल रुपया अगले वित्त वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगा. रिजर्व बैंक द्वारा विकसित डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन सभी तरह के लेनदेन का पता लगाने में सक्षम होगा. निजी कंपनियों के मोबाइल वॉलेट में फिलहाल यह प्रणाली नहीं है.

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सूत्र ने इसे समझाते हुए कहा कि निजी कंपनियों के इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट का इस्तेमाल करते हुए लोग अभी पैसा निजी कंपनियों को हस्तांतरित करते हैं. यह पैसा उनके पास रहता है और ये कंपनियां किसी लेनदेन पर ग्राहकों की ओर से मर्चेंट यानी दुकानदारों आदि को भुगतान करती हैं. 

वहीं डिजिटल रुपये के मामले में लोगों के पास डिजिटल मुद्रा फोन में रहेगी और यह केंद्रीय बैंक के पास होगी. केंद्रीय बैंक के पास से इसे किसी दुकानदार आदि को स्थानांतरित किया जाएगा. इसपर पर पूरी तरह सरकार की गारंटी होगी. 

सूत्र ने कहा कि जब पैसा किसी कंपनी के ई-वॉलेट में ट्रांसफर किया जाता है, तो उस कंपनी का 'क्रेडिट' जोखिम भी इस पैसे से जुड़ा होता है. इसके अलावा ये कंपनियां शुल्क भी लगाती हैं. सूत्र ने कहा कि इस वॉलेट को लेकर चलने के बजाय मैं पैसा अपने फोन में रखना चाहूंगा.

 

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