देश के सबसे बड़े बैंक SBI की रिसर्च रिपोर्ट ‘Ecowrap' के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में देश की आर्थिक वृद्धि दर 1.3% रहने की संभावना है. हालांकि, पूरे वित्त वर्ष के दौरान इसमें गिरावट का अनुमान है.
31 मई को आएंगे GDP के आंकड़े
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) देश की आर्थिक वृद्धि के आधिकारिक आंकड़े 31 मई को जारी करेगा. इस दिन वह जनवरी-मार्च तिमाही की ग्रोथ रेट के अनुमान और वित्त वर्ष 2020-21 के अस्थाई वार्षिक आंकड़े जारी करेगा.
NSO के अनुमान के अलग SBI के आंकड़े
पीटीआई की खबर के मुताबिक एसबीआई ने अपने इकोरैप रिसर्च नोट में कहा है कि उसके nowcasting model के आधार पर चौथी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 1.3% रह सकती है, यह NSO के इस दौरान अर्थव्यवस्था में 1% की गिरावट रहने के अनुमान से उलट स्थिति है.
वित्त वर्ष 2020-21 में गिरेगी अर्थव्यवस्था
SBI ने अपनी रिपोर्ट में पूरे वित्त वर्ष के दौरान देश की इकोनॉमी 7.3% गिरने का अनुमान जताया है. लेकिन ये भी उसके पुराने 7.4% गिरावट के अनुमान से कम है.
इतना ही नहीं SBI ने अपनी रिपोर्ट में 2021-22 की पहली तिमाही के दौरान नॉमिनल जीडीपी में 6 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान जताया है.
25 देशों में 5वीं सबसे तेज अर्थव्यवस्था
SBI ने जीडीपी की ग्रोथ रेट नापने के लिए अपना nowcasting model तैयार किया है. अपने इस मॉडल में उसने वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और स्टेट बैंक इंस्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप, कोलकाता के साथ मिलकर औद्योगिक क्षेत्र एवं सेवा क्षेत्र की गतिविधियों के 41 हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स को आधार बनाया है.
बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च तिमाही के चालू 1.3% की अनुमानित ग्रोथ रेट के बाद भारत अब तक जीडीपी के आंकड़े जारी कर चुके 25 देशों में 5वीं सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यस्था होगी.
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