scorecardresearch
 

अब असली गेम स्पेस में... US की वजह से रूस-चीन हुए कमजोर, क्या भारत बनेगा सुपरपावर?

भारत तेजी से स्पेस सेक्टर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है. इस रेस में एलोन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स एक बड़ा नाम है जिससे मुकाबला करने का दम इसरो (ISRO) की कमर्शियल कंपनी न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड ने दिखाया है. इस कंपनी ने हाल ही में ब्रिटेन की कंपनी वनवेब लिमिटेड के तीन सैटेलाइट लॉन्च किए हैं.

Advertisement
X
अंतरिक्ष में भारत की ताकत! (Photo: Space Kidz India)
अंतरिक्ष में भारत की ताकत! (Photo: Space Kidz India)

दुनिया में स्पेस कारोबार (Space Business) में लगातार तेज बढ़ोतरी हो रही है. इस मार्केट में अभी तक चीन और रूस का दबदबा था. लेकिन हाल में कुछ ऐसे घटनाक्रम हुए हैं, जिनके बाद चीन और रूस के अलग-थलग पड़ने से भारत के लिए इस कारोबार में अपनी धाक जमाने का मौका है.

Advertisement

दरअसल, चीन का अमेरिका के साथ तनाव और यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस कमजोर हुआ है. ये कारोबार भविष्य की संभावनाओं और अपने आकार के चलते भारत को सुपरपावर बनने में मददगार हो सकता है. दरअसल, 2020 में स्पेस इकॉनमी की साइज 447 अरब डॉलर का था और 2025 तक स्पेस अर्थव्यवस्था 600 अरब डॉलर होने का अनुमान है. 

स्पेस कारोबार में बढ़ेगी भारत की धाक
ऐसे में भारत तेजी से इस सेक्टर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है. इस रेस में एलोन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स एक बड़ा नाम है जिससे मुकाबला करने का दम इसरो (ISRO) की कमर्शियल कंपनी न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड ने दिखाया है. इस कंपनी ने हाल ही में ब्रिटेन की कंपनी वनवेब लिमिटेड के तीन सैटेलाइट लॉन्च किए हैं. दरअसल, स्पेस से हाई स्पीड इंटरनेट डिलीवर करने की मांग तेजी से बढ़ रही है, इससे ऑर्बिट में सैटेलाइट लॉन्च करने का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है.

Advertisement

ब्रिटिश कंपनी ने भारत में किए सैटेलाइट लॉन्च
ब्रिटेन की कंपनी वनवेब एक ग्लोबल ब्रॉडबैंड इंटरनेट नेटवर्क बनाना चाहती है. इसलिए हाल में सैटेलाइट्स के सफल प्रक्षेपण से वो इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ गई है. लेकिन इसने स्पेस बिजनस में भारत की महत्वकांक्षा का भी संकेत दिया है. भारत के लिए ये मौका इसलिए भी बेहतरीन है कि स्पेस एजेंसी एरियनस्पेस को अपने नया रॉकेट तैयार करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

दूसरी तरफ ब्रिटेन के अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन की कंपनी वर्जिन ऑर्बिट होल्डिंग्स लिमिटेड ने अपना ऑपरेशन अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है. ये कदम उसने जनवरी में अपना एक लॉन्च फेल होने के बाद उठाया है. अब अगर भारत सफलता के साथ इस क्षेत्र में आगे बढ़ता है तो फिर इस मामले में उसका दबदबा बढ़ सकता है.

मेक इन इंडिया से दौड़ेगा स्पेस सेक्टर 
भारत के आगे बढ़ने का भरोसा इसलिए भी बढ़ रहा है, क्योंकि मेक इन इंडिया (Make In India) कार्यक्रम में स्पेस सेक्टर को विकसित करने पर काफी जोर दिया जा रहा है. इसका मकसद भारत को टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन में टॉप डेस्टिनेशन बनाना है. हालांकि चीन से मुकाबला करने के लिए भारत को अभी लंबा सफर तय करना है.

Advertisement

क्योंकि 2020 में अर्थ ऑर्बिटिंग सैटेलाइट्स में चीन की हिस्सेदारी 13.6 फीसदी थी. जबकि भारत की हिस्सेदारी 2.3 फीसदी थी. लेकिन बहुत कम देशों के पास भारत के बराबर सस्ती टेक्नोलॉजी है. इसलिए कम कीमत के सैटेलाइट लॉन्च करके भारत के पास चीन से दूरी बना रहे देशों और कंपनियों को लुभाने का शानदार मौका है.

 

Advertisement
Advertisement