वित्त मंत्रालय के लेबर डिपॉर्टमेंट की ओर से अगस्त महीने की एनुअल इन्फ्लेशन रेट जारी किया गया है. श्रम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में खुदरा महंगाई दर में मामूली बढ़त हुई है. लेकिन यह महंगाई पांच साल में दूसरी बार सबसे कम रही है. अगस्त में भारत की खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 3.65 प्रतिशत सालाना हो गई है, जबकि पांच साल पहले यह 3.54 प्रतिशत सालाना थी.
आंकड़े के मुताबिक, फूड महंगाई दर की सीपीआई में आधी हिस्सेदारी रहती है. फूड इन्फ्लेशन पिछले महीने यह 13 महीने के निचले स्तर 5.42 प्रतिशत पर थी. अब इस महीने इसमें मामूली इजाफा हुआ है.
इस घोषणा के साथ ही मुख्य महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 2-6 प्रतिशत की लिमिट के भीतर रह गई है. हालांकि, यह अभी भी RBI के "टिकाऊ 4 प्रतिशत" के लक्ष्य से दूर है, जैसा कि केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है. कमजोर रुपया, मानसून से जुड़े जोखिमों के साथ निकट भविष्य में महंगाई के दबाव को बढ़ाए रखने की उम्मीद है.
इकोनॉमिस्ट का क्या था अनुमान?
53 इकोनॉमिस्ट्स के रॉयटर्स पोल में अनुमान लगाया गया है कि कंज्यूमर प्राइस इन्फ्लेशन अगस्त के लिए 3.50 प्रतिशत पर आ जाएगी, जो पिछले महीने के 3.54 प्रतिशत से थोड़ी कम है. आधिकारिक आंकड़ों के लिए पूर्वानुमान 3.10 प्रतिशत से 4.91 प्रतिशत तक था.
कौन सी वस्तुएं सस्ती?
सब्जियों की महंगाई दर अगस्त में 10.71 प्रतिशत बढ़ी, जबकि पिछले महीने यह 6.83 प्रतिशत थी. यानी कि सब्जियों के रेट में बढ़ोतरी हुई है. इसका कारण अनियमित मानसून की बारिश को लेकर चिंता हो सकती है, जो फसल की पैदावार को प्रभावित कर सकती है और भविष्य में कीमतों को बढ़ा सकती है.
दालों और अनाजों के लिए महंगाई दर 13 प्रतिशत और 7.31 प्रतिशत रही. फलों की महंगाई दर 6.45 प्रतिशत रही. दूध और दूध प्रोडक्ट्स के लिए अगस्त में महंगाई दर 2.98 प्रतिशत थी. इन चीजों के दाम कम हुए हैं. मांस और मछली, अंडा खंडों के लिए महंगाई दर 4.30 प्रतिशत और 7.14 प्रतिशत दर्ज की गई.
ईंधन महंगाई दर अगस्त के लिए ईंधन और एनर्जी महंगाई जुलाई में (-)3.66 प्रतिशत के मुकाबले (-)5.31 प्रतिशत रही. जबकि अन्य कपड़े और जूते और आवास क्षेत्रों के लिए महंगाई क्रमशः 2.72 प्रतिशत और 2.66 प्रतिशत थी.