ग्लोबल इकोनॉमी (Global Economy) के लिए 2023 मुश्किल रहने वाला है. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने अमेरिका, यूरोप और चीन में मंदी के संकेत दे दिए हैं. इस बीच अमेरिका, यूरोप और चीन में आर्थिक गतिविधियां कमजोर नजर आ रही हैं. IMF के आंकड़े इस बात के भी संकेत दे रहे हैं कि 2023 में ग्लोबल इकोनॉमी में अमेरिका की हिस्सेदारी घटने वाली है. इस दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी में इजाफा होगा. 2022 का साल भारतीय इकोनॉमी के लिहाज से काफी अहम रहा है, क्योंकि इसने दुनिया की टॉप 5 अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बनाई.
बढ़ सकती है भारत की हिस्सेदारी
इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी साल 2022 की तुलना में 2023 में बढ़कर 3.6 फीसदी होने की उम्मीद है. 2000 में भारत की हिस्सेदारी 1.4 फीसदी रही थी. इसी अवधि में ग्लोबल इकोनॉमी में अमेरिका की हिस्सेदारी साल 2000 के मुकाबले घटेगी. साल 2000 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका की भागीदारी 30.1 फीसदी थी. इस साल ये घटकर 24.7 फीसदी रह सकती है.
भारत ने टॉप-5 में बनाई जगह
बीते साल 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था ने 100 ट्रिलियन डॉलर के पार 101.6 ट्रिलियन पर पहुंची थी. दिलचस्प बात ये है कि भारत ने इस साल ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की टॉप पांच अर्थव्यस्थाओं में अपनी जगह बनाई है. IMF के अनुसार, 2022 में भारत की जीडीपी 3,468.6 अरब डॉलर रही. 2023 में तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय इकोनॉमी में ग्रोथ के आसार नजर आ रहे हैं.
हालांकि, अक्टूबर 2022 में IMF ने 2023 में वैश्विक आर्थिक विकास के आउटलुक में कटौती की थी. रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध से जारी खींचतान, बढ़ती महंगाई दर का दबाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक जैसे केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरों में इजाफे की वजह से दबाव बढ़ा है.
भारतीय इकोनॉमी के लिए बेहतरीन संकेत
IMF के चीफ इकोनोमिस्ट पियरे ओलिवियर गौरिनचास ने अक्टूबर 2022 में कहा था कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है. ऐसे में भारत का 6.8 फीसदी या फिर 6.1 फीसदी की दर से विकास करना बड़ी बात है और इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है. मौजूदा माहौल को देखें तो भारत की आर्थिक वृद्धि दर की ये रफ्तार एक बेहतरीन संकेत हैं.
कठिन होगा 2023 का साल
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि नया साल उस साल की तुलना में कठिन होने जा रहा है, जिसे हम पीछे छोड़ आए हैं. क्योंकि तीन-तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन सभी एक साथ स्लो डाउन की तरफ बढ़ रही हैं.
भारत की जीडीपी ग्रोथ
आर्थिक मंदी की आशंका के बीच सितंबर 2022 की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3 फीसदी की दर से बढ़ी. यानी दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी रही. यह आंकड़े RBI के अनुमान के मुताबिक रहे. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी जून-2022 की तिमाही में जीडीपी का आंकड़ा 13.5 फीसदी रहा था. वहीं, पिछले वित्त वर्ष में सितंबर की तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 8.4 फीसदी रही थी.