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भारत की रूस के साथ रुपये में व्यापार करने की तैयारी, कम होगा प्रतिबंधों का असर

किसी भी तरह की जियो-पॉलिटिकल उथल-पुथल होने पर सप्लाई को लेकर आशंकाएं पैदा हो जाती हैं. रूस और यूक्रेन की लड़ाई की वजह से भी कुछ ऐसी ही परिस्थितियां सामने आ सकती हैं. ऐसे में भारत कई तरह के प्रोएक्टिव उपाय करने में लग गया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अभी प्रारंभिक स्तर पर चल रही है बातचीत
  • ईरान के मामले में भी भारत ने की थी यह व्यवस्था

रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए कई तरह के प्रतिबंधों के बाद भारत अब रूस के साथ कारोबार के लिए रुपये के जरिए पेमेंट की व्यवस्था विकसित करने की कोशिश कर रहा है. पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी और बैंकिंग से जुड़े सूत्रों के आधार पर यह जानकारी दी है. भारतीय अधिकारी रूस पर लगाए गए इन प्रतिबंधों के बाद कई जरूरी फर्टिलाइजर की सप्लाई को लेकर चिंतित हैं क्योंकि प्रतिबंध बढ़ने पर इसको लेकर दिक्कत पैदा हो सकती है. ये फर्टिलाइजर भारत के एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए काफी अहम हैं.

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भारत का ये रहा है रुख

शांतिप्रिय भारत ने यूक्रेन में हिंसा रोकने का आह्वान किया है लेकिन रूस की सार्वजनिक निंदा से परहेज किया है. इसकी वजह यह है कि रूस के साथ भारत के लंबे समय से राजनीतिक और सुरक्षा संबंध रहे हैं. रूस ने यूक्रेन पर गुरुवार को हमला किया. इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी भी यूरोपीय देश पर सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. 

कारोबार को लेकर है ये योजना

अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधों के बीच रूस के साथ कारोबार जारी रखने को लेकर प्लान है कि रूसी बैंक और कंपनियां ट्रेड सेटलमेंट के लिए भारत के कुछ सरकारी बैंकों में अपना अकाउंट खुलवाएं. इन चर्चाओं में शामिल बैंकिंग से जुड़े सूत्र के आधार पर रॉयटर्स ने ये रिपोर्ट दी है. 

इस रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है, "यह एक प्रोएक्टिव कदम है क्योंकि विवाद बढ़ने पर कई तरह की और पाबंदियां लगाई जा सकती हैं." सूत्र ने कहा, "ऐसे में हम डॉलर में ट्रांजैक्शन सेटल नहीं कर पाएंगे और ऐसे में एक Rupee Account ओपन करने का प्रस्ताव दिया गया है, जिस पर विचार चल रहा है." उसने बताया कि इस तरह के अकाउंट्स में जमा फंड दोनों देशों के बीच पेमेंट की एक तरह की गारंटी होता है. 

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ईरान के मामले में भी भारत ने की थी यह व्यवस्था

विभिन्न देश कई तरह की पाबंदियों से बचने के लिए इस तरह के मैकेनिज्म का इस्तेमाल एक तरह से कवच के तौर पर करते हैं. भारत ने कुछ इसी तरह की व्यवस्था ईरान के साथ की थी जब उसके परमाणु कार्यक्रमों को लेकर पश्चिम देशों ने उस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे.

अभी प्रारंभिक स्तर पर चल रही है बातचीत

रूस को लेकर बातचीत अभी प्रारंभिक चरण में है और दोनों देशों के बीच इस बात को लेकर औपचारिक बातचीत शुरू नहीं हुई. इससे पहले गुरुवार को ईयू के नेता रूस पर नई आर्थिक पाबंदियां लगाने को लेकर सहमत हुए थे.

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