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'शादी के बाद मां ने कहा था...' सुधा मूर्ति ने बताया कैसे चुपचाप जमा किए थे 10250 रुपये

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में जब सुधा मूर्ति के सामने 10000 रुपये उधार देकर इंफोसिस कंपनी शुरू करने की बात छिड़ी तो उन्होंने पूरी कहानी सुना डाली. 

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The Fascinating Journey of the Infosys Couple
The Fascinating Journey of the Infosys Couple

सुधा मूर्ति और इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति की शादी 10 फरवरी 1978 में हुई थी. जिसके बाद नारायण मूर्ति ने आईटी कंपनी इंफोसिस की नींव साल 1981 में रखी, जो आज देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है. जब भी इंफोसिस की बात होती है तो सुधा मूर्ति के उधार दिए 10000 रुपये का जिक्र होता है.

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इंफोसिस की कहानी काफी रोचक है. क्योंकि जब इस कंपनी की नींव रखी गई थी तो उस समय नारायणमूर्ति (N. R. Narayana Murthy) के पास पैसे कम पड़ गए थे. उन्होंने अपनी पत्नी सुधा से 10 हजार रुपये उधार लेकर कंपनी की शुरुआत की थी. सुधा मूर्ति हमेशा बताती हैं कि कैसे उन्होंने एक-एक पाई जोड़कर ये पैसे जमा किए थे. 

कैसे हुई इंफोसिस की शुरुआत

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में जब सुधा मूर्ति के सामने 10000 रुपये उधार देकर इंफोसिस कंपनी शुरू करने की बात छिड़ी तो उन्होंने पूरी कहानी सुना डाली.  सुधा मूर्ति ने कहा, 'हम दोनों मिडिल क्लास फैमिली से आते थे. सैलरी ही एक मात्र जरिया था, शादी के बाद मेरी मां ने कहा था कि इमरजेंसी के लिए पैसे बचाना जरूरी है, इसलिए पति को बताए बिना तुम्हें भी थोड़े-थोड़े पैसे बचाना चाहिए, और हमने बचाना शुरू कर दिया. क्योंकि बुरे दौर में वो पैसे काम आएंगे.'

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सुधा मूर्ति (Sudha Murty) आगे बताती हैं, 'एक दिन नारायणमूर्ति ने कहा कि हम कंपनी शुरू करने जा रहे हैं, लेकिन पैसे कम पड़ रहे हैं. उस समय मेरे पास चुपके-चुपके से बचाए हुए कुल 10250 रुपये थे, जिसमें से हमने मूर्ति को 10000 रुपये उधार दे दिए, और फिर उसी पैसे से इन्होंने इंफोसिस की नींव रखी थी.'

उन्होंने कहा कि मैं हर महीने नारायणमूर्ति और अपनी सैलरी में से कुछ पैसे की बचत करती थी. उनकी इसी सेविंग्स के कारण उस समय उनके पास 10,250 रुपये इकठ्ठे हो गए थे. हालांकि, मुधा मूर्ति ने 250 रुपये बचा लिए थे और 10 हजार ही उधार के तौर पर दिए थे.

आज देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस

Sudha Murthy के इन्हीं 10,000 रुपयों से एन आर नारायण मूर्ति के सपनों को उड़ान मिली और उन्होंने उनके छह साथियों के साथ मिलकर इंफोसिस की नींव डाली. इस कंपनी ने ऐसा कमाल किया कि आगे बढ़ती ही चली गई और कारोबार फैलता गया. साल 1999 में इंफोसिस US Stock Market नास्डैक (Nasdaq) में लिस्ट होने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई. अब कंपनी ने अपनी स्थापना के चार दशक पूरे कर लिए हैं और यह देश की दूसरे सबसे बड़ी आई सेवाएं देने वाली कंपनी बन चुकी हैं. 

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बता दें, सुधा मूर्ति और इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति की शादी 10 फरवरी 1978 में हुई थी. जिसके बाद नारायण मूर्ति आईटी कंपनी इंफोसिस की नींव साल 1981 में रखी, जो आज देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है. इस कंपनी में करीब साढ़े 3 लाख कर्मचारी हैं. मौजूदा समय में INFOSYS का मार्केट कैप 6.76 लाख करोड़ रुपये है. 

गौरतलब है कि सुधा मूर्ति को राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है, अब वो संसद के ऊपरी सदन की सदस्य बनेंगी. सुधा मूर्ति का जीवन काफी प्रेरणादायक है. शिक्षा के क्षेत्र में नाम रौशन करने से लेकर राज्यसभा का मेंबर बनने तक सुधा मूर्ति की उपलब्धियां याद करने लायक हैं. सुधा मूर्ति हमेशा से पढ़ाई में अव्वल रही हैं.  सुधा मूर्ति ने B.V.B कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीई किया था. उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान से कम्प्यूटर साइंस में एमटेक किया हुआ है.

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