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India Today Conclave: बिजनेस में सफलता का असली पैमाना जेंडर नहीं नंबर होेने चाहिए, बोलीं नमिता थापर

इंडिया टुडे कॉन्‍क्‍लेव में एम्‍क्‍योर फॉर्मा की एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर नमिता थापर ने बोलते हुए कहा कि बिजनेस का वैल्‍यूवेशन जेंडर के आधार पर नहीं, बल्कि प्रदर्शन के आधार पर किया जाना चाहिए. थापर ने 'बैरियर ब्रेकिंग एंड बिल्डिंग लिगेसी' पर कहा कि वित्तीय परिणाम बिजनेस की सफलता में खास रोल निभाते हैं.

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नमिता थापर
नमिता थापर

शॉर्क टैंक जज और एमक्‍योर फॉर्मा के एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर नमिता थापर ने कहा कि बिजनेस में सफलता का असली पैमाना जेंडर नहीं, बल्कि नंबर पर होना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि मैं अक्‍सर कंपनी के रेवेन्‍यू, प्रॉफिट, फाउंडर्स वर्क और सेक्‍टर्स पर फोकस रखते हुए निवेश करती हूं. 

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इंडिया टुडे कॉन्‍क्‍लेव में एमक्‍योर फॉर्मा की एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर नमिता थापर ने बोलते हुए कहा कि बिजनेस का वैल्‍यूवेशन जेंडर के आधार पर नहीं, बल्कि प्रदर्शन के आधार पर किया जाना चाहिए. थापर ने 'बैरियर ब्रेकिंग एंड बिल्डिंग लिगेसी' पर कहा कि वित्तीय परिणाम बिजनेस की सफलता में खास रोल निभाते हैं, भले ही कंपनी को पुरुष चला रहा हो या महिला. उन्‍होंने आगे कहा कि महिलाओं के लिए गांव से लेकर दूर-दराज के इलाकों से महिलाएं अब उठकर आ रही हैं. यंग वूमेन अपनी स्‍टोरी और जर्नी से लोगों को इंस्पायर कर रही हैं.  

महिलाओं के लिए बिजनेस शुरू करना आसान? 

नमिता थापर के साथ सारेगामा की वाइस चेयरपर्सन अवर्णा जैन और इंडियन टेलीविजन एकेडमी की चेयरपर्सन अनु रंंजन भी मौजूद थीं. सिद्धार्थ जराबी ने पूछा कि क्या आज के दौर में महिलाओं के लिए बिजनेस शुरू करना पहले के दौर की तुलना में आसान है या अधिक चुनौती भरा है. 

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कॉर्पोरेट जगत में 25 साल बिता चुकीं नमिता थापर ने कहा कि चुनौतियां तो अभी भी हैं, लेकिन सफलता का अंतिम पैमाना नंबर्स ही होने चाहिए. उन्‍होंने कहा कि बिजनेस के नंबर्स किसी को भी चुप करा सकते हैं. जैन ने कहा कि नबंर्स तो अच्‍छे होने ही चाहिए, क्‍योंकि इसपर ही आपका बिजनेस बेहतर दिखता है. 

हर जगह अच्‍छा कर रहीं महिलाएं 

इंडियन टेलीविजन एकेडमी की प्रेसिडेंट अनु रंजन ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद भी महिलाएं कई सेक्‍टर्स में अच्‍छा कर रही हैं. उन्‍होंने कहा कि महिलाएं लगभग हर काम में बेहतर हैं. इनमें से कुछ में घर से काम करने वाली महिलाएं भी शामिल हैं. उन्होंने आगे कहा कि कुछ महिलाएं अपने पुरुष साथी के पर्याप्त कमाई करने पर भी अपने करियर से पीछे हट जाती हैं. 

उन्होंने कहा, 'यह सही नहीं है. महिलाओं ने व्यवसाय, खेल, राजनीति हर जगह अपनी पहचान बनाई है. हमें महिलाओं को आगे आने के लिए प्रमोट करते रहना चाहिए. महिलाएं बहुत क्लियर हैं कि उन्‍हें क्‍या करना है' उन्‍होंने कहा कि टेलीविजन की दुनिया में महिलाएं लीड रोल निभा रही हैं. वे कई लोगों की रोल मॉडल बन चुकी हैं. टीवी ने जेंडर चेंज परसेप्‍शन को बदला है.' 

फिल्‍मों में महिला और पुरुष के बीच दिखता है बड़ा गैप 

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महिलाएं हर जगह अपना रोल निभा रही हैं. अनु रंजन ने आगे कहा कि टीवी भले ही महिलाओं के जीवन को बदल रहा है, लेकिन फिल्‍म और ओटीटी प्‍लेटफॉर्म पर यह एक बड़ा गैप दिखाई देता है.  

सारेगामा की वाइस चेयरपर्सन अवर्णा जैन ने कहा कि महिलाएं छोटी जगहों से आ रहीं हैं और कई सेक्‍टर्स में लीड रोल निभा रही हैं. हर जगह महिलाएं सेंटर में हैं और लार्ज नंबर में महिलाएं लीड कर रही हैं.

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