देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) बढ़ा है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़े दिखाते हैं कि इस साल अप्रैल में देश में बीते साल के मुकाबले 38% अधिक एफडीआई आया.
विदेशी निवेशकों के लिए भारत अब भी पसंदीदा डेस्टिनेशन बना हुआ है. अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 38 फीसदी बढ़ा है.
6.24 अरब डॉलर का एफडीआई
इस साल अप्रैल में देश को कुल 6.24 अरब डॉलर (लगभग 463.10 अरब रुपये) का एफडीआई हासिल हुआ. यह बीते साल अप्रैल के 4.53 अरब डॉलर (लगभग 336.19 अरब रुपये) एफडीआई के मुकाबले 38 फीसदी बढ़ा है.
सरकार की नीतियों का फल
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा है कि ‘एफडीआई नीति को लेकर सरकार की ओर से किए गए सुधार, निवेशकों को सुविधा देने और कारोबार सुगमता के चलते देश में एफडीआई का फ्लो बढ़ा है.’
सबसे ज्यादा निवेश मॉरीशस से
देश में सबसे ज्यादा एफडीआई करने वाला देश मॉरीशस है. कुल एफडीआई का 24% मॉरीशस रूट से आया, इसके बाद सिंगापुर की हिस्सेदारी 21% और जापान की 11% रही.
इक्विटी में आए 4.4 अरब डॉलर
अप्रैल 2021 में देश में 4.4 अरब डॉलर का एफडीआई इक्विटी के जरिए आया. यह अप्रैल 2020 की तुलना में 60 फीसदी अधिक है. तब देश को 2.77 अरब डॉलर का एफडीआई इक्वटी के तौर पर हासिल हुआ था.
आईटी सेक्टर में सबसे अधिक एफडीआई
देश में सबसे अधिक एफडीआई हासिल करने वाले सेक्टर में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सेक्टर रहे. कुल एफडीआई इक्विटी का 24% इसी क्षेत्र में लगा जबकि सर्विस सेक्टर में 23% और एजुकेशन सेक्टर में 8% का निवेश हुआ.
कर्नाटक टॉप पर
देश में सबसे ज्यादा एफडीआई हासिल करने वाला राज्य कर्नाटक रहा. जहां कुल एफडीआई का 31% निवेश हुआ. इसके बाद 19% के साथ महाराष्ट्र दूसरे और 15% के साथ दिल्ली तीसरे स्थान पर रहा.
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