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फेस्टिव सीजन में शामिल नहीं हो पाएगी whisky, डील में देरी से मामला फंसा!

ब्रिटेन की गृह मंत्री का भारतीय प्रवासियों के खिलाफ दिए गए एक बयान की वजह से ब्रिटेन मुश्किल में फंस गया है. सुएला ब्रेवरमैन ने कहा था कि मुक्त व्यापार समझौते से ब्रिटेन में भारतीयों की भीड़ बढ़ जाएगी. इस वजह से ब्रिटेन की स्कॉच-व्हिस्की इंडस्ट्री को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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भारत में स्कॉच व्हिस्की बड़े पैमाने पर आयात होती है.
भारत में स्कॉच व्हिस्की बड़े पैमाने पर आयात होती है.

भारत और ब्रिटेन (India-UK) के बीच होने वाला फ्री ट्रेड एग्रिमेंट (FTA) फिलहाल अटक गया है. ब्रिटेन की स्कॉच-व्हिस्की इंडस्ट्री (Scotch whisky industry) लंबे समय से इस समझौते का इंतजार कर रही थी. उम्मीद थी कि दोनों देशों के बीच दिवाली तक मुक्त व्यापार समझौता पूरा हो जाएगा. लेकिन फिलहाल ऐसा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. इस वजह से ब्रिटेन की स्कॉच-व्हिस्की इंडस्ट्री दुनिया के सबसे बड़े व्हिस्की बाजार की एक और त्योहारी सीजन में मुनाफा नहीं बटोर पाएगी.

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तय हुई थी डेडलाइन

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत के साथ व्यापार समझौते के लिए दिवाली की समय सीमा निर्धारित की थी. हालांकि, ब्रिटेन की नई व्यापार सचिव केमी बैडेनोच ने हाल ही में कहा था कि उनका देश अब उस समय सीमा पर काम नहीं कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि तारीख की बजाय डील पर ही ध्यान देना समझदारी है.

ब्रिटेन के नए प्रशासन के लिए तारीख भले ही कोई मायने नहीं रखती हो, लेकिन वहां के व्हिस्की उद्योग के लिए ये बेहद अहम है. क्योंकि इंडस्ट्री भारत में एक और दिवाली के दौरान पार्टी में अपने कारोबार से मुनाफा कमाने से चूक जाएगी.

कितना है इंपोर्ट का आंकड़ा?

भारतीय व्हिस्की का उत्पादन स्कॉच व्हिस्की के प्रोडक्शन की कुल मात्रा के मुकाबले ढाई गुना से अधिक है. 2021 में भारत स्कॉच व्हिस्की का 8वां सबसे बड़ा इंपोर्ट करने वाला बाजार था और वॉल्यूम के हिसाब से दूसरा. 2021 में भारतीय बाजार ने 136 मिलियन स्कॉच व्हिस्की की बोतलों का आयात किया था. वहीं, 2022 में ये आंकड़ा 95 मिलियन रहा था.

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व्हिस्की उत्पादकों के लिए जरूरी

स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन के सीईओ मार्क केंट ने दोनों देशों के बीच डील को लेकर चल रही बातचीत को एक जेनरेशन चांस के तौर पर देखते हैं. उनका मानना है कि इससे स्कॉटिश डिस्टिलर्स को भारत में व्यापार करने के अधिक मौके मिलेंगे. उन्होंने कहा कि उद्योग एक समझौते पर सहमत होना चाहता है.

मार्क केंट ने कहा- 'हम एक समझौते पर सहमत देखना चाहते हैं, किसी डील पर नहीं. किसी भी समझौते से अधिक स्कॉच व्हिस्की उत्पादकों के लिए जरूरी है कि बाजार को ओपन कर दिया जाए. इससे ब्रिटेन में सैकड़ों नई नौकरियां पैदा होंगी. साथ ही निवेश के साथ भारत का राजस्व बढ़ेगा.'

केंट ने यह भी कहा कि स्कॉच व्हिस्की पर 150 प्रतिशत टैरिफ को कम करने के लिए भारत के साथ डील हासिल करना उद्योग की टॉप इंटरनेशनल प्राथमिकता थी.

सुएला ब्रेवरमैन ने किया था विरोध

ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौते का कड़ा विरोध किया था. ब्रिटिश मैगजीन स्पेक्टेटर को को दिए एक इंटरव्यू में ब्रेवरमैन ने कहा था कि ब्रिटिश लोगों ने ब्रेग्जिट से हटने के लिए इसलिए वोट नहीं किया था कि भारतीयों के लिए ब्रिटेन की सीमा इस तरह से खोल दी जाए. 

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इस समझौता से क्या होगा?

अगर यह सौदा हो जाता है तो यह भारत का सबसे बड़ा और सबसे महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौता होगा. इस डील की मदद से 2030 तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होने की उम्मीद है. भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, भारत और ब्रिटेन के बीच 2021-22 में कुल व्यापार 17 अरब डॉलर से अधिक था. 


 

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