दो दिन पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की वृद्धि दर का अनुमान 60 बेसिस प्वाइंट्स तक घटा दिया था. दुनिया भर में गहराते मंदी (Recession) के संकट के बीच ऐसा होना लाजिमी भी था. लेकिन अनुमान में कमी के बावजूद IMF ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भी बताया है. मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवियर गौरिनचास ने इंडियन इकोनॉमी की तारीफों के पुल बांधते हुए भरोसा जताया कि भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता रखता है.
शिक्षा-स्वास्थ्य में निवेश करेगा कमाल
IMF के चीफ इकोनोमिस्ट पियरे ओलिवियर गौरिनचास ने भारतीय अर्थव्यवस्था को 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने का फॉर्मूला सुझाया है. गौरिनचास के मुताबिक शिक्षा (Education) और स्वास्थ्य (Health) में निवेश बढ़ाकर भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को रफ्तार दी जा सकती है. इसके जरिए भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के नजदीक पहुंच सकता है.
इसके साथ ही उन्होंने कुछ ठोस कदम उठाने की सलाह दी है, जिनके बल पर भारत अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है. उन्होंने कहा कि भारत में इमारतों और सड़कों में निवेश तो हो रहा है लेकिन अगर मानव संसाधन में निवेश बढ़ाया जाए तो भारत भी तेजी से आगे बढ़ेगा.
हर देश में ऐसी क्षमता मौजूद नहीं
पियरे ओलिवियर ने कहा कि 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता सभी देशों में नहीं होती. कुछ देशों के लिए तो ये लक्ष्य हासिल करना बेहद मुश्किल है, लेकिन भारत इस टारगेट को हासिल करने की क्षमता रखता है. हालांकि, उन्होंने किसी भी देश का नाम लिए बगैर ये कहा कि कई देशों ने 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता तेजी से पार किया है. ऐसे ही भारत भी इस लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम नजर आता है, लेकिन इसके लिए भारत को संरचनात्मक सुधार करने की जरूरत है.
भारत कर रहा शानदार प्रदर्शन
IMF के चीफ इकोनोमिस्ट ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है. ऐसे में भारत का 6.8 फीसदी या फिर 6.1 फीसदी की दर से विकास करना बड़ी बात है और इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है. मौजूदा माहौल को देखें तो भारत की आर्थिक वृद्धि दर की ये रफ्तार एक बेहतरीन संकेत है.
अभी भारत की अर्थव्यवस्था इतनी
भारत की मौजूदा अर्थव्यवस्था का आकार करीब साढ़े 3 ट्रिलियन डॉलर है. वहीं चीन की इकॉनमी का साइज करीब 12 ट्रिलियन डॉलर है. ऐसे में चीन में प्रति व्यक्ति सालाना आय करीब 11 हजार डॉलर है. जबकि भारत में प्रति व्यक्ति सालाना आय करीब 2200 डॉलर है. यानी चीन के लोग भारतीयों से 5 गुना ज्यादा अमीर हैं.
यही नहीं भारत में आर्थिक सुधार 1991 में शुरू हुए थे और तबसे अबतक भारतीयों की आय महज 5 गुना बढ़ी है, जबकि इन अवधि में चीन में प्रति व्यक्ति आय 24 गुना तक बढ़ गई है. ऐसे में अगर भारत 10 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बन जाता है तो फिर लोगों को ज्यादा अमीर होने का अहसास होगा और उनके जीवन स्तर सुधर जाएगा.