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2047 तक भारत बन जाएगा विकसित देश, कैसे? निर्मला सीतारमण ने बताया पूरा गणित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) का कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काफी चीजों को फिर से आकार देना होगा. इसमें डिजिटलीकरण, शिक्षा और बुनियादी ढांचा सबसे महत्वपूर्ण साधन हैं, जिनके प्रदर्शन की दम पर भारत विकासशील से विकसित देश में बदल सकता है.

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 2047 तक विकसित देश बन जाएगा भारत
2047 तक विकसित देश बन जाएगा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 15 अगस्त को लाल किले से भाषण देते हुए 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य तय किया था. इस बात के मायने अगर समझे जाएं तो भारतीयों की इनकम (Income) तब तक कई गुना बढ़ जाएगी. भारत को इस मुकाम तक ले जाने के लिए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मिलकर काम करने की योजना बनाई है.

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ऐसे बनेगा भारत विकसित देश 
आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल, भारत में प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) 2277.4 डॉलर है और इस आधार पर भारत विश्व बैंक (World Bank) के हिसाब से निम्न मध्यम आय वाला देश है. वहीं विकसित देश वो होते हैं जहां प्रति व्यक्ति आय कम से कम 12 हजार डॉलर होती है. अगर प्रति व्यक्ति आय के आधार पर लक्जमबर्ग नंबर वन है. लक्जमबर्ग में प्रति व्यक्ति आय 1,35,682.8 डॉलर सालाना है. इसके बाद अमेरिका में 69,287.5 डॉलर/वर्ष, सिंगापुर में 66,859.3 डॉलर/वर्ष, ब्रिटेन में 47,334.4 डॉलर/वर्ष और जापान में 39285.2 डॉलर/वर्ष है.
 
ज्यादा आय के अलावा विकसित देश (Developed Country) एक और पैमाने पर विकासशील देशों से आगे होते हैं जो है मानव सूचकांक. दरअसल, इन देशों में औद्योगीकरण ज्यादा होने से कृषि पर लोगों की निर्भरता घट जाता है. तो मानव विकास सूचकांक के मामले में नार्वे अव्वल है. भारत मानव सूचकांक के मामले में दुनिया में 131वें स्थान पर है.

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वित्त मंत्री ने बताया रोडमैप
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने पीएम के ऐलान के तुरंत बाद ही इस टारगेट को हासिल करने की ओर कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) का कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काफी चीजों को फिर से आकार देना होगा.

इसमें डिजिटलीकरण (Digitization), शिक्षा (Education) और बुनियादी ढांचा (Infrastructure) सबसे महत्वपूर्ण साधन हैं, जिनके प्रदर्शन की दम पर भारत विकासशील से विकसित देश में बदल सकता है. वित्त मंत्री ने इस बात पर भी फोकस किया है कि विकसित बनने के रास्ते में आय का असमान बंटवारा ना होने पाए. लोगों के बीच बढ़ती आर्थिक असमानता को कम करने का काम किया जाए. 

25 साल तक सालाना 8% ग्रोथ रेट
भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य पाने के लिए विकास दर (Growth Rate) को कहां तक ले जाना होगा, ये हाल ही में योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने बताया है. अहलूवालिया के मुताबिक, 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए भारत को सालाना 8 फीसदी की दर से विकास करना होगा.

चीन को देखें तो इस लक्ष्य इतना मुश्किल भी नहीं है, क्योंकि 1990 और 2000 के बीच चीन की औसत विकास दर 11 फीसदी, 2000 से 2010 के बीच 16.5 फीसदी और बीते 10 बरसों में भी चीन की औसतन विकास दर 10 परसेंट रही है. अगर चीन लगातार 30 साल तक डबल डिजिट में विकास कर सकता है, तो फिर भारत के लिए 8 परसेंट का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं होगा. 

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चीन से 10 साल में काफी पिछड़ा भारत!
बीते 10 साल से भारत की औसत विकास दर बेहद कम 6 फीसदी की स्पीड से आगे बढ़ रही है. भारत की ग्रोथ में एक दिक्कत ये भी है कि यहां पर संगठित क्षेत्र के मुकाबले असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की संख्या कहीं ज्यादा है. भारत में करीब 94 फीसदी लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और देश का 45 फीसदी प्रोडक्शन इसी क्षेत्र से आता है.

कोरोना महामारी के पहले से ही असंगठित क्षेत्र में गिरावट देखने को मिल रही थी, जो कि कोरोना काल में और बढ़ गई. भारत के श्रम पोर्टल पर 27.5 करोड़ लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया है. इनमें से 94 फीसदी हर महीने 10,000 रुपये से कम कमाते हैं. ये आंकड़े इस लक्ष्य में बाधक बनते जरूर नजर आ रहे हैं.

 

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