
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा पेश कर दिया है. जीडीपी ग्रोथ पर कोरोना महामारी साफ असर दिख रहा है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट -7.3% फीसदी रही. जबकि चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी दर्ज की गई.
धीरे-धीरे स्थिति में सुधार
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक पूरे वित्त वर्ष यानी FY21 में GDP ग्रोथ रेट -7.3% रही. जबकि खुद केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान जीडीपी में 8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था. यानी सरकार के अनुमान से बेहतर जीडीपी के आंकड़े सामने आए हैं.
वहीं इकोनॉमी के मोर्चे पर कोरोना संकट के बावजूद धीरे-धीरे स्थिति बेहतर हो रही है. चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी इसका सबूत है. हालांकि कोरोना की दूसरी लहर के इकोनॉमी पर असर का सही अंदाजा तब होगा, जब आगे जून तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े आएंगे.
मंदी के दौर में चला गया था देश
गौरतलब है कि पिछले साल मार्च में जब कोरोना की पहली लहर आई थी तो उसने अर्थव्यवस्था को भारी चोट पहुंचाई थी. देश तकनीकी रूप से मंदी के दौर में चला गया था. लगातार दो तिमाहियों अप्रैल से जून और जुलाई से सितंबर में भारत की जीडीपी ने नेगेटिव ग्रोथ दिखाई थी, यानी जीडीपी में गिरावट आई थी. जून की तिमाही में तो जीडीपी करीब 24 फीसदी के ऐतिहासिक गिरावट बिंदु तक पहुंच गई थी.
उसके बाद वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर तिमाही देश की जीडीपी (GDP) -7.5 फीसदी रही थी. जबकि उसके बाद दिसंबर की तिमाही में 0.4 फीसदी की मामूली बढ़त हुई थी.
बता दें, फरवरी में खुद केंद्र सरकार ने यह अनुमान जारी किया था कि वित्त वर्ष 2020-21 की जीडीपी में 8 फीसदी की गिरावट आ सकती है. वहीं रेटिंग एजेंसी ICRA ने अनुमान लगाया था कि पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है, जो अनुमान बिल्कुल सटीक निकला है.
राजकोषीय घाटा अनुमान से कम
वहीं कोरोना महामारी की दूसरी लहर से भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर प्रभावित हुई है, जिससे सरकार का खर्च बढ़ा है. इसके बावजूद राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) सरकार द्वारा तय 9.5% से कम 9.3% पर रहा है, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है.
कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (CGA) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त-वर्ष 2020-21 के लिए भारत का राजकोषीय घाटा 251 बिलियन डॉलर यानी 18.21 लाख करोड़ रुपये रहा है.