भारत में बनी ज्वैलरी की अमेरिका में डिमांड बढ़ती जा रही है. इस बढ़ती डिमांड के असर से अप्रैल से नवंबर के दौरान भारत के जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर का कुल एक्सपोर्ट भी तेजी से बढ़ा है. नवंबर में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में गिरावट के असर से एक्सपोर्ट कम होने के बावजूद इस साल कुल निर्यात में तेजी की उम्मीद है.
दुनिया में ज्वैलरी खरीदने में सबसे आगे अमेरिका है, और इस साल अमेरिका ने भारत से ज्वैलरी की खरीदारी में ज्यादा इजाफा किया है. ऐसे में Gems and Jewellery Export Promotion Council यानी GJEPC ने उम्मीद जताई है कि मौजूदा कारोबारी साल में भारत 41.65 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने में कामयाब रहेगा.
रत्न और आभूषण का निर्यात में इजाफा
GJEPC के मुताबिक इसकी वजह है कि इस साल भारत का रत्न और आभूषण का निर्यात पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा रहा है. हालांकि इस बार दिवाली पर देश का रत्न और आभूषणों के निर्यात में कमी दर्ज की गई है. GJEPC के मुताबिक इस साल नवंबर में जेम्स एंड ज्वैलरी का निर्यात 4.21 फीसदी घटकर करीब 17 हजार 785 करोड़ रुपये रहा.
जबकि पिछले साल दिवाली के महीने यानी नवंबर-2020 में कुल 18 हजार 565 करोड़ के रत्न और आभूषणों का निर्यात हुआ था. इस बार गिरावट की वजह दिवाली के दौरान मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में आई कमजोरी रही है, जिसकी पहले से आशंका थी.
फिलहाल थोड़ा सुस्त कारोबार
GJEPC के मुताबिक तराशे गये और पॉलिश हीरों का कुल निर्यात अक्टूबर में 20.41 फीसदी घटकर 9 हजार 719 करोड़ रुपये रहा, जबकि 2020 के अक्टूबर में ये 12 हजार 212 करोड़ रुपये था. लेकिन आने वाले दिनों में इस गिरावट के अब दूर हो जाने का भरोसा कारोबारियों को है.
अगर बात करें ज्वैलरी की तो यहां पर नवंबर के दौरान तेजी आई है. GJEPC के मुताबिक नवंबर में सोने के आभूषणों का कुल निर्यात 38.24 फीसदी बढ़कर 5 हजार 286 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. नवंबर 2020 में कुल 3 हजार 823 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट हुआ था.
इसके अलावा अप्रैल-नवंबर में चांदी के आभूषणों का निर्यात 20.47 फीसदी बढ़कर 12 हजार 552 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो नवंबर 2020 में 10 हजार 419 करोड़ रुपये था. यानी ज्वैलरी के मामले में तेजी बरकरार है और अमेरिका जैसे देशों में डिमांड बढ़ने से ये असर देखा जा रहा है.