राजा-महाराजाओं से अलग जनकल्याण के लिए उद्योगपतियों के दान देने की परंपरा भारत में चिरकाल से मौजूद है. तभी तो देश में अधिकतर पर्यटन या धार्मिक स्थलों पर आपको धर्मशाला से लेकर प्याऊ तक बने हुए बड़े आराम से दिख जाएंगे. ये सभी अपने-अपने दौर के बड़े उद्योगपतियों के दान की निशानी है.
कभी श्रेष्ठी, सेठ या लाला नाम से संबोधित होने वाले उद्योगपति अब बिलेनियर, मिलेनियर या बिजनेस टाइकून कहलाने लगे हैं. ये बिजनेस टाइकून अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक कार्यों और कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत दान करते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन कुछ लोगों के बारे में जिन्होंने सालभर में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा दान किए.
पहले थे 2, अब हुए 15
EdelGive Hurun Philanthropy List 2022 के मुताबिक साल 2018 में सालाना 100 करोड़ रुपये से ज्यादा दान करने वाले लोगों की संख्या सिर्फ 2 थी, अब ये बढ़कर 15 हो चुकी है. इतना ही नहीं 50 करोड़ रुपये से ज्यादा दान करने वाले देश में 20 और 20 करोड़ रुपये से ऊपर दान करने वाले 43 धनकुबेर 2022 की लिस्ट में सामने आए हैं.
शिव नाडर सबसे बड़े दानदाता
हुरुन की 2022 की लिस्ट में सबसे बड़े दानदाता एचसीएल टेक्नोलॉजीस के संस्थापक शिव नाडर रहे हैं. उन्होंने 1,161 करोड़ रुपये की संपत्ति दान की है. उनके बाद 484 करोड़ रुपये का दान देकर अजीम प्रेमजी दूसरे और 411 करोड़ रुपये का दान देकर मुकेश अंबानी तीसरे स्थान पर हैं.
100 करोड़ से ज्यादा दान करने वाले
इस लिस्ट में अगर टॉप-10 की सूची को देखें तो कुमार मंगलम बिड़ला (242 करोड़ रुपये डोनेशन) चौथे, सुष्मिता एंड सुब्रतो बागची (213 करोड़ रुपये डोनेशन) पांचवे, राधा एंड एनएस पार्थसारथी भी (213 करोड़ रुपये डोनेशन) पांचवे, गौतम अडानी (190 करोड़ रुपये डोनेशन) सातवें, अनिल अग्रवाल (165 करोड़ रुपये डोनेशन) आठवें, नंदन नीलेकणि (159 करोड़ रुपये डोनेशन) नौंवे और ए. एम. नाइक (142 करोड़ रुपये डोनेशन) दसवें स्थान पर रहे हैं.
वहीं जेरोधा के निखिल और नितिन कामथ ने 100 करोड़ रुपये दान किए हैं. जबकि रोहिणी नीलेकणि ने 120 करोड़ रुपये, अजीत आईसैक 115 करोड़ रुपये, राकेश गंगवाल ने 100 करोड़ रुपये और साइरस पूनावाला ने 112 करोड़ रुपये का दान किया है.