पिछले कुछ दिनों से भारतीय करेंसी (Indian Currency) की वैल्यू में तेज गिरावट देखी जा रही है. रुपये (Indian Rupees) के कमजोर पड़ते जाने की कहानी आज सोमवार के कारोबार में भी दोहरा गई. इंटरबैंक फॉरेक्स एक्सचेंज के कारोबार में रुपया शुरुआत में ही 50 पैसे से ज्यादा गिर गया. कारोबार बंद होने तक रुपया और कमजोर होकर नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ.
मार्च में बना था पुराना रिकॉर्ड
इंटरबैंक फॉरेक्स एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को रुपये ने डॉलर के मुकाबले गिरकर 77.17 पर कारोबार की शुरुआत की. जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, रुपये की वैल्यू कम होते गई. कारोबार समाप्त होने के बाद रुपया 56 पैसे गिरकर 77.46 प्रति डॉलर के लेवल पर बंद हुआ. यह भारतीय करेंसी का अभी तक के इतिहास का सबसे निचला स्तर (INR All Time Low) है. इससे पहले रुपये ने मार्च में 76.98 प्रति डॉलर तक गिरकर ऑल टाइम लो का रिकॉर्ड बनाया था.
लगातार पैसे निकाल रहे एफपीआई
इससे पहले पिछले सप्ताह शुक्रवार को भी रुपये में बड़ी गिरावट आई थी. शुक्रवार को रुपया 55 पैसे गिरकर 76.90 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. रुपये की वैल्यू में गिरावट का मुख्य कारण भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों का लगातार पैसे निकालना है. एफपीआई लगातार इंडियन मार्केट में नेट सेलर बने हुए हैं. अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने के बाद इसकी रफ्तार और बढ़ गई है. पिछले सप्ताह शुक्रवार को एफपीआई ने भारतीय पूंजी बाजार से 5,517.08 करोड़ रुपये की निकासी की थी.
डॉलर को मजबूत कर रहे ये फैक्टर
जानकारों का कहना है कि इन्वेस्टर्स के बीच जोखिम वाले साधनों की डिमांड कम हुई है. इसके कारण वे घरेलू शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं और उन्हें सुरक्षित रिटर्न की चाह में कहीं अन्य जगहों पर लगा रहे हैं. इसके अलावा 6 मेजर करेंसीज के बास्केट में डॉलर का वजन बढ़ने से भी रुपये की वैल्यू गिरी है. 6 मेजर करेंसीज के बास्केट में डॉलर इंडेक्स 0.35 फीसदी मजबूत होकर 104.02 पर ट्रेड कर रहा था. डॉलर इंडेक्स को ब्याज दरें बढ़ने की आशंका और यूएस बॉन्ड की कमाई बढ़ने के कारण सपोर्ट मिल रहा है.