देश में महंगाई (Inflation) की मार से आम जनता बुरी तरह त्रस्त है. तेल-सब्जियों से लेकर खाने-पीने की चीजों के दाम में बेतहाशा वृद्धि ने रसोई का बजट गड़बड़ कर दिया है. अब पॉल्ट्री फॉर्म उत्पादों की कीमतें बढ़ने के कारण थाली से अंडे (Egg) और मांस (Meat) गायब होते जा रहे हैं.
महंगाई से बिगड़ा रसोई का बजट
महंगाई (Inflation) की मार ने लोगों को न केवल अपने रोजमर्रा के खर्चे कम करने के लिए मजबूर किया है, बल्कि खाने की थाली को भी सीमित कर दिया है. देश में एलपीजी (LPG) से लेकर अन्य खाद्य पदार्थों पर लगातार बढ़ती महंगाई के बीच जनता रसोई के बजट को लेकर परेशान है, उस पर पॉल्ट्री फार्म के इनपुट कॉस्ट (Poultry Farm Input Costs) में इजाफा होने के कारण थाली से अंडे (Egg) और मांस (Meat) दूर हो गए हैं.
पोल्ट्री उत्पादों की कीमतें तेजी से बढ़ी
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इनपुट लागत बढ़ने के चलते पॉल्ट्री उत्पादों की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. इसमें कहा गया है कि हाल ही में आई कमी के बाद अंडे की कीमत 6 रुपये पर आ गई थी, लेकिन अब फिर से इसका दाम 7 रुपये प्रति पीस हो गया है. इसके अलावा कोलकाता (Kolkata) के बाजारों में खुदरा विक्रेताओं की मानें तो ब्रॉयलर चिकन (Broiler Chicken) की कीमतें भी पिछले हफ्ते में 20-25 रुपये प्रति किलोग्राम तक अधिक हो गई हैं.
लागत में लगभग 90 फीसदी वृद्धि
अनमोल फीड्स के एमडी अमित सरावगी ने भी कहा कि ऑयल केक और अन्य फीड-मेकिंग इनपुट की लागत में अभूतपूर्व उछाल आया है. इसके कारण फीड की कीमत में तेज वृद्धि हुई है, जो कि पोल्ट्री उत्पादों की बढ़ती कीमतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. सरावगी ने कहा कि चिकन फीड की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. हमारी कुल लागत में लगभग 90 फीसदी की वृद्धि हुई है. चारे और दवा की कीमतें पहले से ही 80 फीसदी बढ़ चुकी हैं, जबकि ईंधन की लागत हमारी कुल लागत में लगभग 8.5 फीसदी है.
अंडों की आपूर्ति में बाधा नहीं
पश्चिम बंगाल पॉल्ट्री फेडरेशन के सचिव मदन मोहन मैती ने इस बात से साफ इनकार किया कि बाजार में अंडों की आपूर्ति में किसी प्रकार की कोई बाधा है. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 25-27 करोड़ अंडे का दैनिक राष्ट्रीय उत्पादन सामान्य की तरह बना हुआ है. यह पूछे जाने पर कि क्या कीमतें और बढ़ सकती हैं, मैती ने कहा कि एसोसिएशन हर तरह से यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि खुदरा कीमतें आम लोगों पर भार न बनें और अंडे की कीमत प्रति पीस 7 रुपये से ज्यादा न बढ़े.
सब्जियों के दाम आसमान पर
पिछले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव के कारण सब्जियों की कीमतों (Vegetable Prices) में भी बेतहाशा तेजी देखने को मिली है. इस बीच भिंडी की कीमत 15 रुपये से बढ़कर 25-30 रुपये प्रति किलोग्राम, लौकी की कीमत 20 रुपये से 30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि अन्य सब्जियों के दाम में भी बीते दिनों में 15-20 फीसदी की वृद्धि हुई थी. सबसे ज्यादा हाल-बेहाल टमाटर (Tomato) ने कर रखा है, खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि टमाटर 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बिक रहा है.
मौसम में बदलाव का फसल पर असर
रिपोर्ट के मुताबिक, आलू की कीमतों (Potato Price) में भी तेजी आई है. ज्योति किस्म का आलू 32-35 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है, जबकि चंद्रमुखी वेरायटी 40-45 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है. खाद्य तेल की कीमतें (Edible Oil Prices) हाल ही में अपने शिखर पर पहुंचने के बाद कम जरूर हुई हैं, लेकिन अभी भी ये पूर्व-महामारी के स्तर से कम से कम 40 फीसदी ऊपर बनी हुई हैं. एक स्थानीय बाजार विक्रेता ने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है, जो कि कीमतों में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण है.
महंगाई का आंकड़ा शिखर पर
देश में महंगाई की बात करें तो अप्रैल की तुलना में मई महीने में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) कम होकर 7.04 फीसदी पर जरूर आ गई है, लेकिन अभी भी यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्धारित लक्ष्य 4-6 फीसदी से ऊपर है. दूसरी ओर थोक महंगाई (WPI) बड़ा झटका देते हुए मई महीने में 15.88 फीसदी पर पहुंच चुकी है, जो अप्रैल महीने में 15.08 फीसदी पर थी. इस बीच खाने-पीने की चीजों पर महंगाई में सबसे ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है.