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RBI बुलेटिन में गुड न्यूज, इकोनॉमी को लेकर बड़ा अनुमान... जनता के लिए भी खुशखबरी!

आरबीआई की बुलेटिन (RBI Bulletin) में कहा गया है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बढ़ती कुल मांग और नॉन फूड एक्‍सपेंडेचर के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत होने की संभावना है.

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आरबीआई बुलेटिन
आरबीआई बुलेटिन

भारत की अर्थव्‍यवस्‍था बढ़ोतरी (Indian Economy Growth) को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आ रही है. भारत की अर्थव्‍यवस्‍था तेजी से आगे बढ़ रही है. देश की इकोनॉमी ग्रोथ को लेकर एक्‍सपर्ट बुलिश बने हुए हैं. अब RBI बुलेटिन के लेख में कहा गया है कि भारत की इकोनॉमी पहली तिमाही में 7.5 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ने की संभावना है. मंगलवार को जारी RBI के मई बुलेटिन के एक लेख में तेज गति से बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है.

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आरबीआई की बुलेटिन (RBI Bulletin) में कहा गया है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बढ़ती कुल मांग और नॉन फूड एक्‍सपेंडेचर के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत होने की संभावना है. इस बुलेटिन में आगे कहा गया है कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था की स्थिति काफी मजबूत है और भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था ने आपूर्ति चेन को प्रभावित करने वाली भू-राजनीतिक बाधाओं के सामने उल्‍लेखनीय लचीलेपन का प्रदर्शन किया है. 

महंगाई में आएगी गिरावट 
रिजर्व बैंक ने कहा कि दूसरी छमाही में देश की महंगाई दर 4 फीसदी का टारगेट (Inflation Target) पर आ सकता है. इस मंथली बुलेटिन में कहा गया है कि इस साल की दूसरी छमाही में ही महंगाई टारगेट टिकाऊ बना रह सकता है और वित्त वर्ष 2025 के दौरान भी आंकड़ा टारगेट के आसपास रह सकता है. केंद्रीय बैंक ने 4 पर्सेंट का इनफ्लेशन टारगेट तय किया है और इसमें 2 पर्सेंट की गुंजाइश (ऊपर-नीचे) रखी गई है.

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ऑफिशियल स्‍टेटमेंट नहीं ये अनुमान 
इसमें आगे कहा गया है कि सांख्यिकी बेस इफेक्‍ट की वजह से जुलाई-अगस्‍त में हेडलाइन इनफ्लेशन को कम करने में मदद मिल सकती है और सितंबर में ट्रेड उलट सकता है. मंथली बुलेटिन के इस लेख के को-राइटर्स में रिजर्व बैंक के डिप्‍टी गवर्नर माइकल पात्रा भी शामिल रहे. रिजर्व बैंक का कहना है कि इस लेख में व्‍यक्‍त किए गए विचार अधिकारिक राय नहीं हैं. 

अभी कितना है महंगाई दर
गौरतलब है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय की तरफ से 13 मई को जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में भारत का हेडलाइन रिटलेट इनफ्लेशन 4.83 परसेंट रहा और थोक तौर पर इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ. मार्च में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) इनफ्लेशन 10 महीने के निचले स्तर पर 4.85 फीसदी था. अप्रैल में यह 11 महीने के निचले स्‍तर पर पहुंच गया था.

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