मार्च तिमाही के कमजोर नतीजे के बाद सोमवार को जब शेयर मार्केट खुला (Share Market) तो देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक इंफोसिस (Infosys) के शेयर धड़ाम हो गए. सुबह के कारोबार में ही इंफोसिस के शेयर 11 फीसदी टूटे और निवेशकों को हजारों करोड़ रुपये खाक हो गए. इंफोसिस का स्टॉक अपने 52 वीक लो लेवल पर पहुंच गया. हालांकि, शाम तक इसमें हल्की रिकवरी देखने को मिली. मंगलवार की सुबह भी इंफोसिस के शेयर लाल निशान में नजर आ रहे हैं. लेकिन इंफोसिस के स्टॉक ने लॉन्ग टर्म में अपने निवेशकों को जोरदार रिटर्न दिया है.
10 साल में दिए जोरदार रिटर्न
इंफोसिस ने अपने निवेशकों को पिछले 10 साल में तीन बार बोनस दिए हैं. शेयरों ने एक लाख रुपये के निवेश को 34 लाख रुपये में तब्दील किया है. इंफोसिस के शेयर 18 अप्रैल 2013 को बीएसई पर 286.93 रुपये पर थे. आज ये स्टॉक 1200 रुपये के आंकड़ों से ऊपर के लेवल ट्रेड कर रहा है. इस दौरान कंपनी ने तीन बार बोनस बांटे हैं. अगर किसी निवेशक ने 18 अप्रैल 2013 को इंफोसिस के स्टॉक में एक लाख रुपये निवेश किए होते, तो तीन बार के बोनस के बाद उसके पास 2784 शेयर होते हैं. मौजूदा समय में इन शेयरों की कुल वैल्यू 34.67 लाख रुपये हो गई होती.
तीन बार बांटे बोनस
इंफोसिस ने पिछले 10 साल में तीन बार बोनस बांटे हैं. दिसंबर 2014 में निवेशकों को 1:1 रेश्यो में बोनस दिया था. मतलब एक शेयर पर एक बोनस शेयर. फिर जून 2015 में भी कंपनी ने इसी रेश्यो के साथ बोनस दिए थे और तीसरी बार सितंबर 2018 में कंपनी 1:1 रेश्यो से निवेशकों को बोनस शेयर दिए थे. इंफोसिस के शेयरों ने पिछले तीन साल में अपने निवेशकों को 115 फीसदी का रिटर्न दिया है. तीन अप्रैल 2020 को इस कंपनी के शेयर बीएसई पर 585.45 रुपये के स्तर पर थे. इंफोसिस के शेयर 17 मार्च 2023 को बीएसई पर 1258 रुपये पर बंद हुए थे.
कमजोर तिमाही प्रदर्शन
जनवरी से मार्च की तिमाही में कंपनी की आमदनी अनुमान से कम रही है. चौथी तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 7.8 फीसदी बढ़कर 6128 करोड़ रुपये रहा है. इससे पहले दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 6586 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया है. यानी दिसंबर की तिमाही के मुकाबले मार्च की तिमाही में कंपनी के मुनाफे में गिरावट आई है.
जानकारों का मानना है कि इंफोसिस के प्रदर्शन में आई गिरावट की वजह अमेरिका का बैंकिंग संकट है. IT सेक्टर के लिए बैंकिंग फाइनेंसियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस (BFSI) सेगमेंट सबसे अहम होता है. अमेरिकी बैंकिंग संकट ने इसी पर चोट किया है. अमेरिका इंफोसिस के लिए सबसे अधिक रेवेन्यू जेनरेट करता है. एक्सपोजर अधिक होने के कारण इंफोसिस के BFSI का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है.
(नोट: किसी भी शेयर में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)