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TCS vs Infosys: आईटी की नंबर 1 कंपनी के शेयर खरीदें या नंबर-2 के? जानें- क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

मार्च तिमाही के कमजोर नतीजे के बाद इंफोसिस और TCS के शेयर दबाव में हैं. अमेरिकी बैंकिंग संकट की वजह से देश की दोनों बड़ी आईटी कंपनियों की आर्थिक सेहत कमोजर हुई. ऐसे में किस कंपनी के शेयर पर दांव लगाना चाहिए.

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दबाव में हैं TCS और इंफोसिस के शेयर.
दबाव में हैं TCS और इंफोसिस के शेयर.

देश की दो बड़ी आईटी कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और इंफोसिस (Infosys) के खराब नतीजों से निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं. दोनों ही कंपनियों के मार्च तिमाही के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे हैं. इसकी वजह से ब्रोकरेज फर्म्स ने इसकी रेटिंग में कटौती की है. मार्केट के जानकारों का कहना है कि आईटी स्टॉक के लिए शर्ट टर्म में ऑर्डर मिलने में गिरावट एक बड़ा मुद्दा है. एक्सपर्ट्स इस बात की आशंका जता रहे हैं. हालांकि, अभी एक्सपर्ट्स दोनों स्टॉक्स के लिए 'बाय' रेटिंग दे रहे हैं. उनका मानना है कि टीसीएस और इंफोसिस के शेयरों की वैल्यूएशन में 15 फीसदी का अंतर है. लेकिन डिस्काउंट बढ़ने की गुंजाइश है. 

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कितना उछल सकता है इंफोसिस का शेयर

टीसीएस के लिए एवरेज टार्गेट प्राइस 3630 रुपये पर 15 फीसदी की संभावित बढ़ोतरी के संकेत नजर आ रहे हैं. वहीं, इंफोसिस 1,663 रुपये के टार्गेट प्राइस से 32 फीसदी उछल सकता है. एचडीएफसी इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने इंफोसिस को 'एडीडी' में डाउनग्रेड किया है. उसने कहा कि रिलेटिव ग्रोथ डिस्काउंट के आधार पर इंफोसिस को टीसीएस के वैल्यूएशन पर 20 फीसदी का डिस्काउंट मिल सकता है. मिक्स पोर्टफोलियो के आधार पर वित्त वर्ष 24 में इंफोसिस के टीसीएस से कम बढ़ने की उम्मीद है.

निर्मल बंग ने कहा कि 2022 के दौरान, इंफोसिस मैनजमेंट ग्राहकों के साथ अपनी बातचीत और डील की फ्लो की उम्मीद कर रहा था. लेकिन अचानक स्थितियां बदलीं और मार्च की तिमाही में कई प्रोजेक्ट्स को रद्द होते हुए देखा गया. इसके अलावा साइन अप किए गए कुछ प्रोजेक्ट्स शुरू ही नहीं हो पाए.

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इंफोसिस के मैनेजमेंट का कहना है कि मार्च के महीने में कुछ स्थिरता नजर आई है. लेकिन टीसीएस की तरफ से इस तरह के कोई भी संकेत नहीं दिए गए हैं. निर्मल बंग इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि इंफोसिस का कहना है कि वित्त वर्ष 24 में उसकी ग्रोथ में इजाफा देखने को मिलेगा.

बीएनपी पारिबा ने कहा कि टीसीएस में बेहतर रिस्क-रिवार्ड नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि इंफोसिस में बढ़ी अनिश्चितता को देखते हुए हमें लगता है कि टीसीएस लागत-अनुकूलन सौदों पर ग्राहकों के फोकस में बदलाव से लाभ उठाने के लिए बेहतर स्थिति में है और यह हमारा सेक्टर का टॉप पिक है.

नुवामा ने कहा कि Q4 के नतीजे निराशाजनक थे. इस वजह से शॉर्ट टर्म में इंफोसिस समेत अन्य आईटी सेक्टर दबाव में नजर आ सकते हैं.  नोमुरा इंडिया ने कहा कि इंफोसिस का गाइडेंस FY24 के लिए कमजोर था और TCS के साथ ग्रोथ का अंतर कम होना तय है. क्योंकि विदेशी ब्रोकरेज ने स्टॉक का टार्गेट प्राइस  घटाकर 1,290 रुपये कर दिया है. 

(नोट: किसी भी शेयर में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)

 

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