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यूक्रेन पर हमला होते ही चंद मिनटों में स्वाहा हुए 10 लाख करोड़ रुपये

रूस और यूक्रेन का विवाद जंग का रूप ले चुका है. रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमलों की शुरुआत कर दी है. इन्वेस्टर्स को इस बात का डर लग रहा है कि यह जंग कहीं तीसरे विश्व युद्ध का रूप न ले ले. इस कारण शेयर बाजारों में जमकर बिकवाली हो रही है.

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हो गई जंग की शुरुआत (Getty)
हो गई जंग की शुरुआत (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूस के हमले से शेयर मार्केट में हाहाकार
  • दुनिया भर में इन्वेस्टर्स कर रहे जोरदार बिकवाली

रूस (Russia) ने गुरुवार की सुबह में यूक्रेन (Ukraine) पर हमला करने का ऐलान कर दिया. यह खबर आने के बाद आज घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में हाहाकार मचा हुआ है. सेंसेक्स (BSE Sensex) कारोबार शुरू होने के कुछ ही देर बाद 1,600 अंक गिर गया. एक समय सेंसेक्स का नुकसान 2000 अंक से भी ज्यादा हो चुका था. इससे सबसे ज्यादा नुकसान शेयर मार्केट के इन्वेस्टर्स (Share Market Investors) का हुआ. आज बाजार खुलने के बाद चंद मिनटों में ही इन इन्वेस्टर्स के 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा स्वाहा हो गए.

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सात दिनों में डूबे इतने पैसे

बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों (BSE Listed Companies) का मार्केट कैप (Market Cap) कल बाजार बंद होने के बाद 256 लाख करोड़ रुपये था. यह आज बाजार की गिरावट के बाद कम होकर 246 करोड़ रुपये से भी नीचे आ गया है. इस तरह देखें तो आज इन्वेस्टर्स 10  लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान में हैं. यूक्रेन और रूस का विवाद बढ़ने के बाद से बाजार आज लगातार सातवें दिन नुकसान में है. इन सात दिनों में इन्वेस्टर्स 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गंवा चुके हैं.

चारों तरफ बिकवाली का आलम

आज बाजार में बिकवाली का ऐसा आलम है कि हर तरफ इंडेक्स लाल नजर आ रहा है. बीएसई की कुल 3,057 कंपनियों में से 2,758 के स्टॉक आज गिरे हुए हैं. इसका मतलब हुआ कि हर 10 में से 9 कंपनियां आज नुकसान में हैं. महज 224 स्टॉक ही ऐसे हैं, जो आज भी ग्रीन जोन में बने रह पाने में कामयाब हुए हैं. इनके अलावा 95 कंपनियों के शेयर आज स्थिर हैं.

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रूसी शेयर बाजार में ट्रेडिंग सस्पेंड

दूसरी ओर रूस में भी शेयर बाजारों का बुरा हाल है. रूसी शेयर बाजार (Russian Share Market) रिकॉर्ड हाई से 30 फीसदी तक गिर चुके थे. आज जोरदार बिकवाली को देखते हुए रूस के शेयर बाजारों पर ट्रेडिंग सस्पेंड करने की नौबत आ गई. रूस का हमला होने के बाद कच्चा तेल (Crude Oil) में भी उबाल आया हुआ है. करीब सात साल के हाई पर पहले से चल रहा क्रूड यह खबर पाते ही 100 डॉलर प्रति बैरल के मार्क को पार कर गया. साल 2014 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब क्रूड की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा हुई है.

 

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