हलवाई के यहां सिकते गरम-गरम समोसे किसी के भी मुंह में पानी ला सकते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि उसकी कढ़ाई में जो तेल भरा है वो ना जाने कितनी बार जल चुका है. खाने के तेल का इस तरह बार-बार इस्तेमाल उसे सेहत के लिए हानिकारक बनाता है. लेकिन अब इंडियन ऑयल ने दिल्ली में एक ऐसा बायोडीजल पेश किया है जो इसी जला हुए खाद्य तेल का इस्तेमाल करके बनाया जाता है, जानें क्या है पूरी खबर
इंडियन ऑयल ने दिल्ली में उतारा बायोडीजल
सरकारी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल ने रेस्टारेंट, होटलों इत्यादि की रसोइयों में इस्तेमाल हो चुके तेल से बना बायोडीजल दिल्ली के बाजार में पेश किया है. इस तरह का यह देश में किया गया अनूठा प्रयोग है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कंपनी के दिल्ली में टीकरी कलां स्थित डिपो से इस बायोडीजल की पहली खेप रवाना की.
‘रंधन से ईंधन’ पहल
प्रधान ने कहा कि बचे हुए खाने के तेल से ईंधन बनाने का काम ‘रंधन से ईंधन’ योजना के तहत किया गया. इस पहल का देश को आर्थिक रूप से भी फायदा होगा क्योंकि ये देश में घरेलू बायोडीजल की आपूर्ति बढ़ाएगा और बाहर से तेल आयात पर निर्भरता को कम करेगा. इतना ही नहीं बायोडीजल बनाने में काम आने वाली फसलों को उगाने के लिए लोगों को ग्रामीण स्तर पर रोजगार भी देगा. रंधन का अर्थ पाक कला से जुड़ा होता है.
फूड चेन को बनाएगा हेल्दी
पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने कहा कि इस पहल से रेस्टोरेंट, बड़े हलवाइयों और होटलों इत्यादि से स्वास्थ्य के लिए अहितकारी खाद्य तेल को हटाने में मदद मिलेगी. इससे हमारी फूड चेन अधिक स्वास्थ्यवर्द्धक बनेगी. उन्होंने कहा बायोडीजल में बचे हुए खाद्य तेल का इस्तेमाल एक बड़ी उप्लब्धि है, लेकिन फीडस्टॉक की उपलब्धता एक चुनौती बनी हुई है.
जला हुआ खाद्य तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
जब इस योजना को शुरू किया गया था तब स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि बार-बार एक ही तेल का रसोई में इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक होता है. इससे हाइपरटेंशन, एथेरोस्क्लेरासिस, लीवर से जुड़ी बीमारियां और अल्ज़ाइमर इत्यादि की शिकायत होती है.
देश में 300 स्थानों पर हो रही यूज्ड तेल की खरीद
इंडियन ऑयल के चेयरमैन एस. एम. वैद्य ने कहा कि कंपनी देश में रसोई के बचे हुए तेल की आखिरी बूंद पहुंचना चाहती है ताकि इसे बायोडीजल में बदल सकें. ये देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित, हरित और स्वास्थ्यवर्धक बनाएगा.
कंपनी ने बचे हुए खाद्य तेल की खरीद के लिए पिछले साल अगस्त 2019 से नवंबर 2020 के बीच 11 EOI निकाले थे और 200 से अधिक स्थानों पर इसकी खरीद की थी. बाद में दिसंबर में और EOI मंगाए गए और अब देशभर में इनकी संख्या 300 हो गई है.
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