सिगरेट (Cigarette) से लेकर अगरबत्ती (Agarbatti) तक बनाने वाली कंपनी आईटीसी लिमिटेड (ITC Limited) का नाम आज कौन नहीं जानता है. शेयर बाजार (Share Market) में बोनस (Bonus) और डिविडेंड (Dividend) के लिए मशहूर इस कंपनी के प्रॉडक्ट आज भारत के घर-घर में इस्तेमाल होते हैं. कंपनी अभी कई लग्जरी होटल (Luxury Hotel) चलाने के अलावा पैकेजिंग (Packaging), एफएमसीजी (FMCG), फैशन (Fashion), रिटेल (Retail) जैसे कई सेक्टर्स में दमदार मौजूदगी रखती है. यहां तक कि इस कंपनी में खुद भारत सरकार की अच्छी-खासी हिस्सेदारी है. विशाल कारोबारी साम्राज्य चलाने वाली इस कंपनी की शुरुआत की कहानी कम रोचक नहीं है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस मशहूर कंपनी की शुरुआत कैसे हुई और कैसे इसने भारत के घर-घर तक पहुंच बना ली.
इन मौकों पर बदला आईटीसी का नाम
कंपनी की स्थापना 24 अगस्त 1910 को हुई थी. तब इसका नाम इंपीरियल टोबैको कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Imperial Tobacco Company Of India Limited) था. बाद में इस कंपनी में धीरे-धीरे भारतीय हिस्सेदारी बढ़ती चली गई. हिस्सेदारी में आए बदलाव के चलते पहली बार 1970 में इसका नाम बदला गया. तब इस कंपनी का नाम बदलकर इंडिया टोबैको कंपनी लिमिटेड (India Tobacco Company Ltd) किया गया. चूंकि साल दर साल कंपनी का बिजनेस पोर्टफोलियो बढ़ रहा था और यह मूल कारोबार सिगरेट के दायरे से बाहर निकल चुकी थी, एक बार फिर नाम बदलने की जरूरत महसूस हुई. दूसरी बार 1974 में इसका नाम बदलकर I.T.C. Limited किया गया. साल 2001 में एक बार फिर नाम में बदलाव हुआ और फुल स्टॉप्स को हटाकर सीधे ITC Limited कर दिया गया. कंपनी अब इसी नाम से जानी और पहचानी जाती है.
बेहद साधारण है आईटीसी की शुरुआत
110 साल से ज्यादा पुरानी इस कंपनी की शुरुआत साधारण तरीके से हुई थी. इसका पहला ऑफिस कोलकाता के राधा बाजार (Radha Bazaar) में खुला था, जो किराये की जगह पर था. कंपनी को अपने पहले ऑफिस के लिए जमीन खरीदने में 16 साल लगे. कंपनी के 16 साल पूरे होने के मौके पर 24 अगस्त 1926 को 37, चौरंगी (अभी जवाहर लाल नेहरू रोड) पर जमीन खरीदी गई. तब कंपनी ने उस प्लॉट को खरीदने में 3.10 लाख रुपये खर्च किए थे. दो साल बाद वहां आईटीसी का पहला ऑफिस बनकर तैयार हुआ, जो कोलकाता शहर में जाना-माना लैंडमार्क बन गया.
सिगरेट के बाद इस सेक्टर में दमदार उपस्थिति
कंपनी के शुरुआती कई दशक मूलत: सिगरेट के कारोबार पर फोकस्ड रहे. अपने सिगरेट और तंबाकू बिजनेस को मजबूती देने के लिए आईटीसी ने 1925 में पैकेजिंग और प्रिंटिंग बिजनेस की शुरुआत की. कारोबार बढ़ाने की दिशा में कपंनी ने पहला बड़ा कदम 1975 में उठाया. आईटीसी ने चेन्नई में एक होटल खरीदकर हॉस्पिटलिटी सेक्टर में कदम उतारा. आईटीसी का पहला होटल चेन्नई के कैथेड्रल रोड पर 'ITC-Welcomgroup Hotel Chola' नाम से शुरू हुआ, जो अभी Welcomhotel By ITC Hotels नाम से जाना जाता है. अभी कंपनी आईटीसी होटल्स, वेलकमहोटल, फॉर्च्यून होटल्स और वेलकमहेरिटेज ब्रांड नाम से 100 से ज्यादा होटल चलाती है. भारत से बाहर श्रीलंका में भी कंपनी के पास एक प्रीमियम लग्जरी होटल है.
नेपाल में भी पसरा है कारोबार
इसके चंद साल बाद कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो में पेपरबोर्ड बिजनेस को शामिल किया. साल 1979 में ITC Bhadrachalam Paperboards Limited की शुरुआत हुई. साल 1985 में आईटीसी ने पड़ोसी देश नेपाल में सूर्या टोबैको कंपनी की शुरुआत की. 1990 के दशक में आईटीसी एग्री बिजनेस में भी उतर गई. आईटीसी का ई-चौपाल आज देश भर के किसानों के बीच लोकप्रिय है. साल 2002 में कंपनी ने एजुकेशन और स्टेशनरी बिजनेस की शुरुआत की. क्लासमेट और पेपरक्राफ्ट इस सेगमेंट में आईटीसी के फेमस ब्रांड हैं. इसी दौरान कंपनी विल्स स्पोर्ट नाम से लाइफस्टाइल रिटेलिंग बिजनेस में उतर गई. विल्स लाइफस्टाइल इंडिया फैशन वीक का नाम कौन नहीं जानता होगा!
आईटीसी के हैं विभिन्न सेगमेंट के ये फेमस ब्रांड
2000 के दशक के बाद से कंपनी ने तेजी से पोर्टफोलियो का विस्तार किया. इसकी शुरुआत हुई तेजी से उभर रहे आईटी सेक्टर से. कंपनी आईटीसी इंफोटेक इंडिया लिमिटेड नाम से आईटी सेक्टर में उतरी. यही दौर था जब आईटीसी ने एफएमसीजी में भी कारोबार का विस्तार किया. आटा का आशीर्वाद ब्रांड हो या सनफीस्ट बिस्किट, आईटीसी आज रेडी टू ईट 'किचेन्स ऑफ इंडिया', कंफेक्शनरी मिंट-ओ व कैंडीमैन, सनफीस्ट यिप्पी, गम ऑन च्वूइंगगम, आशीर्वाद स्वास्ति घी, सनबीन चॉकलेट, आशीर्वाद स्वास्ति पैकेज्ड दूध आदि जैसे ब्रांडों के साथ भारत के घर-घर में मौजूद है. मंगलदीप अगरबत्ती और माचिस भी आईटीसी के ही ब्रांड हैं. फैशन व पर्सनल केयर में Essenza Di Wiils, Filama, Vivel, Seperia, Engage, Nimwash जैसे प्रॉडक्ट बनाती है. भारत में आईटीसी का Armenteros सिगार ब्रांड भी खूब फेमस है.
अभी ऐसा है कंपनी का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस
अभी आईटीसी के फाइनेंशियल परफॉर्मेंस की बात करें तो मार्च 200 तिमाही में इसे 4,259 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ. यह साल भर पहले के 3,816 करोड़ रुपये की तुलना में 11.6 फीसदी अधिक था. इस दौरान कंपनी का राजस्व 15,404 करोड़ रुपये से सालाना आधार पर 15.2 फीसदी बढ़कर 17,754 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. कंपनी ने मार्च तिमाही में इन्वेस्टर्स को हर शेयर पर 6.25 रुपये का फाइनल डिविडेंड भी दिया. सिर्फ पिछले फाइनेंशियल ईयर में कंपनी के इन्वेस्टर्स को प्रति शेयर 11.50 रुपये का डिविडेंड मिला. पिछले छह महीने के दौरान आईटीसी के शेयर का भाव करीब 25 फीसदी चढ़कर 270 रुपये पर पहुंच गया है.