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Jamsetji Tata Birth Anniversary: जमशेदजी का 'स्वदेशी मिल' चमत्कार, देश को उम्मीद Tata फिर करेगा ये कमाल

Jamsetji Tata Birth Anniversary: Tata Group आज हमें जैसा दिखता है, वो शुरू से वैसा नहीं था. इसे देश का सबसे भरोसेमंद बिजनेस ग्रुप बनाने के लिए समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) ने कई अनोखे प्रयोग किए. आज हम आपको उनकी 183वीं जयंती पर उनके ऐसे ही एक चमत्कार के बारे में बताने जा रहे हैं जो अब टाटा समूह का डीएनए ही बन गया है.

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जमशेदजी टाटा (Photo: Tata.com)
जमशेदजी टाटा (Photo: Tata.com)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जमशेदजी टाटा ने 1886 में बनाई स्वदेशी मिल
  • रतन टाटा ने जगुआर लैंड रोवर को घाटे से उबारा

टाटा समूह (Tata Group) के संस्थापक जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) का जन्म 3 मार्च 1839 को हुआ था. लेकिन जमशेदजी टाटा जब 47 साल के थे तब उन्होंने एक ऐसा चमत्कार किया था, जिसे टाटा समूह ने बार-बार दोहराया और अब एक बार फिर पूरे देश की उम्मीद ऐसे ही एक चमत्कार के लिए टाटा से बंध गई है. 

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जमशेदजी का ‘स्वदेशी मिल’ चमत्कार
जमशेदजी टाटा ने मुंबई के ताज होटल (Jamsetji Tata Taj Hotel Story) और टाटा स्टील (Tata Steel) की स्थापना से भी पहले कपड़े का कारोबार किया था. उन्होंने  1.5 लाख रुपये के निवेश से 1874 में महाराष्ट्र के नागपुर में सेंट्रल इंडिया स्पिनिंग, वीविंग और मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की शुरुआत की. बाद में यही मिल एम्प्रेस मिल (Empress Mill) बनी. कपड़े के कारोबार की सफलता से जमशेदजी टाटा ने 1886 में एक बड़ा काम अपने हाथ में लिया.

उन्होंने बंबई के कुर्ला में बनी धर्मसी मिल को फिर से उसकी शान वापस दिलाने का बीड़ा उठाया. ये कंपनी 4 साल से घाटे में चल रही थी. लेकिन उन्हें इस मिल में निवेश करना सही लगा, क्योंकि ये अपनी मूल कीमत के छठे हिस्से में मिल रही थी और एक फ्री-होल्ड जमीन पर बनी थी. उन्होंने इसका नाम बदलकर ‘स्वदेशी मिल’ रखा, लेकिन इसे खरीदना उनके लिए बहुत भारी साबित हुआ.

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मुंबई की ‘स्वदेशी मिल’ (Photo : Tata)
मुंबई की ‘स्वदेशी मिल’ (Photo : Tata)

दरअसल श्रमिकों की कमी, पुरानी और खराब मशीनरी एवं इस मिल के उत्पादों को लेकर लगातार आ रही शिकायतों ने Tata के नाम को ही दांव पर लगा दिया. दो साल बाद ही ये मिल शेयरधारकों को लाभांश देने में असफल रही और इसके शेयर की कीमत चौथाई रह गई. लेकिन जमशेदजी टाटा ने हार नहीं मानी और इसे बचाने के लिए अपना सब कुछ लगा दिया, यहां तक की अपने निजी संसाधन भी. उन्होंने ‘स्वदेशी मिल’ (Svadeshi Mills) में और पूंजी डाली, एम्प्रेस मिल के कुछ शेयर बेच दिए, नए इंजन, बॉयलर लगवाए, नए शेड बनवाये. इसके अलावा अपनी नागपुर की मिल से अनुभवी कर्मचारियों को वापस लाए और इसी के साथ देखते ही देखते स्वदेशी मिल कपड़ा उद्योग का एक चमकता सितारा बन गया.

बार-बार दिखाया अपना जौहर
Tata Group ने इस तरह का जौहर बार-बार दिखाया. इसमें सबसे अहम काम कंपनी के मौजूदा मानद चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) के कार्यकाल से जुड़ा है. उन्होंने जगुआर और लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) जैसे कार ब्रांड को घाटे से उबारा. इतना ही नहीं लंबे समय से घाटे में चल रही ब्रिटेन की कोरस स्टील का अधिग्रहण भी किया.

अब देश को टाटा पर भरोसा
हाल में टाटा समूह ने एअर इंडिया (Air India) का अधिग्रहण किया है. एअर इंडिया भी लंबे समय से घाटे में है और देश को भरोसा है कि टाटा इस कंपनी के दिन फिर से बदल देगा. वैसे भी एअर इंडिया की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप के जेआरडी टाटा (J.R.D Tata) ने ही की थी. टाटा की इसी विरासत की वजह से उसे आज देश में सबसे भरोसेमंद बिजनेस ग्रुप (Tata Trust) के तौर पर पहचान मिली हुई है.

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