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अमेजॉन बॉस Jeff Bezos की लग्जरी बोट के लिए टूटेगा 150 साल पुराना ये पुल, कभी नाजियों ने बरसाया था बम

जेफ बेजोस की लग्जरी सुपरबोट 40 मीटर ऊंची है. इसे समुद्र तक ले जाने के एकमात्र रास्ते में ऐतिहासिक पुल आड़े आ रहा है. बोट को रास्ता देने के लिए पुल के बीच के कुछ हिस्से को तोड़ा जा रहा है. बाद में इसे फिर से बना दिया जाएगा.

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150 साल पुराना है पुल (Photo: Getty)
150 साल पुराना है पुल (Photo: Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 150 साल पुराना है ऐतिहासिक पुल
  • पड़ोस के शहर में बनी है बेजोस की सुपरबोट

कहावत है कि पैसे में बड़ी ताकत होती है. दुनिया के अमीर लोग अक्सर इस कहावत को सच करते रहते हैं. दुनिया के दूसरे सबसे रईस व्यक्ति जेफ बेजोस (Jeff Bezos) भी उन लोगों में शामिल हैं, जो बार-बार पैसे की ताकत साबित करते रहते हैं. अंतरिक्ष की सैर कर चुके इस अरबपति की सुपरबोट को रास्ता देने के लिए अब एक ऐसा पुल तोड़ा जा रहा है, जो सदियों पुराना है.

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बेजोस की बोट के रास्ते में आ रहा है पुल

यह ऐतिहासिक पुल नीदरलैंड के Rotterdam शहर में है. पड़ोसी शहर Alblasserdam के शिपयार्ड में जेफ बेजोस के लिए खास सुपरबोट तैयार की गई है. यह सुपरबोट थ्री-मास्टेड है और इसकी ऊंचाई 40 मीटर है. इस बोट की लागत 485 मिलियन डॉलर है. इस सुपरबोट को ले जाने के लिए पुल का बीच का हिस्सा तोड़ा जा रहा है. शिपयार्ड ने इसके लिए स्थानीय प्रशासन से रिक्वेस्ट किया था.

कभी हिटलर की सेना ने बरसाए थे बम

इस पुराने पुल का इतिहास से गहरा नाता है. इस पुल को 1878 में बनाया गया था. रॉटरडैम शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल Koningshaven Bridge का हिटलर से भी संबंध है. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की सेना ने इस पुल पर खूब बमबारी की थी. इस बमबारी में पुल को काफी नुकसान हुआ था. बाद में इसे फिर से बनाया गया था.

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जेफ बेजोस देंगे फिर बनाने का खर्च

खबरों के अनुसार, सुपरबोट को समुद्र तक ले जाने का यही एक रास्ता है और बिना पुल को हटाए यह संभव नहीं हो सकता है. बताया जा रहा है कि अभी इस पुल को तोड़ा जाएगा और सुपरबोट के गुजर जाने के बाद इसे फिर बना दिया जाएगा. तोड़ने और बनाने में जो भी खर्च आएगा, वह जेफ बेजोस अपने पॉकेट से देंगे.

स्थानीय लोग कर रहे विरोध

दूसरी ओर स्थानीय लोगों का एक धड़ा प्रशासन के इस फैसले का विरोध कर रहा है. लोगों का कहना है कि शहर की काउंसिल ने 2017 में रेनोवेशन के बाद वादा किया था इस ऐतिहासिक पुल को फिर कभी हाथ नहीं लगाया जाएगा. वहीं मेयर का कार्यालय इसके आर्थिक फायदे गिना रहा है. प्रशासन का कहना है कि सुपरबोट के बनाए जाने से शहर को आर्थिक फायदे हुए हैं और स्थानीय लोगों को काम मिला है.

 

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