अप्रैल 2019 से बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज एक बार फिर उड़ान भर सकती है. दरअसल, जेट एयरवेज के लेंडर्स ने रिवाइवल का प्लान मंजूर कर लिया है. ये रिवाइल प्लान लंदन के कालरॉक कैपिटल और यूएई के निवेशक मुरारी लाल जालान ने दिया था. आपको बता दें कि करीब डेढ़ साल से पार्किंग में खड़ी जेट एयरवेज पर 10 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है.
अब आगे क्या होगा
कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान वाले कंसोर्टियम के प्लान को मंजूरी के बाद अब इसे नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के सामने रखा जाएगा. इस प्लान को एनसीएलटी की मंजूरी मिलने के साथ ही एयरलाइन के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो जाएगा. बता दें कि जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले लेंडर्स ने दिवालिया घोषित करने के लिए जून 2019 में एनसीएलटी में आवेदन किया गया था. दिवालिया प्रक्रिया को पूरा करने में लॉकडाउन समेत कई समस्याएं आईं. अब इसे मंजूरी मिल गई है.
मुरारी लाल और कालरॉक कैपिटल
एमजे डेवलपर्स के मालिक मुरारी लाल जालान यूएई के कारोबारी हैं. वहीं, कालरॉक कैपिटल की बात करें तो लंदन की फाइनेंशियल एडवाइजरी और अल्टरनेटिव असेट मैनेजमेंट से जुड़ा कारोबार करती है. यह कंपनी रियल एस्टेट और वेंचर कैपिटल से मुख्य रूप से जुड़ी है.
अप्रैल 2019 से खड़ी है जेट एयरवेज
प्राइवेट सेक्टर की जेट एयरवेज पिछले साल अप्रैल से बंद है. वहीं जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने मार्च 2019 में ही चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था. फिलहाल, वित्तीय अनियमितताओं की वजह से नरेश गोयल कानूनी शिकंजे में हैं. एयरलाइन पर बैंकों का 10,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है, जो ब्याज के साथ बढ़ता जा रहा है. इस बकाये में सरकारी बैंकों की उल्लेखनीय हिस्सेदारी है.