रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के फाइनेंशियल कारोबार रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स (जिसका नाम बदलकर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज किया जाएगा) के डीमर्जर के बाद मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी को तगड़ा झटका लगा है. डीमर्जर के बाद से रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में (Mcap) लगभग एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 19 जुलाई को स्टॉक का मार्केट कैप 19,21,575 करोड़ रुपये था, जो कॉरपोरेट एक्शन के दिन (गुरुवार) घटकर 17,72,585 करोड़ रुपये हो गया.
सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में दो फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई और मार्केट कैप गिरकर 16,74,658 करोड़ रुपये पर आ गया. इससे पता चलता है कि दो दिन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मार्केट कैप में लगभग 98,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
आज दो फीसदी से अधिक की गिरावट
सोमवार को बीएसई पर रिलायंस का स्टॉक 2.62 फीसदी गिरकर 2,469.55 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया. रिलायंस के शेयरों में गिरावट तिमाही के खराब नतीजों की वजह से आई है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि स्टॉक के लिए बढ़त सीमित है और इसके लिए अगला ट्रिगर आगामी वार्षिक आम बैठक (AGM) में रिटेल बिजनेस अनलॉकिंग या न्यू एनर्जी के कारोबार से जुड़ी घोषणा पर होगी.
कब तक होगी JFS की लिस्टिंग?
जहां तक जियो फाइनेंशियल सर्विसेज की लिस्टिंग का सवाल है. इसपर एनालिस्ट को लगता है कि इस प्रक्रिया में दो-तीन महीने लगेंगे. नोमुरा इंडिया को उम्मीद है कि RIL आने वाले हफ्तों में अपनी वार्षिक आम बैठक (AGM) में जियो फाइनेंशियल सर्विसेज की लिस्टिंग के लिए एक समयसीमा और नई यूनिट के लिए विस्तृत रणनीति पेश करेगी.
एक्सिस सिक्योरिटीज को लगता है कि JFS अगले 2-3 महीनों में लिस्ट हो जाएगा. नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि लिस्टिंग के लिए अभी कोई दिन तय नहीं है. लिस्टिंग के लिए सभी तरह की मंजूरी मिलने में कुछ हफ्तों का समय लग सकता है. हमें उम्मीद है कि लिस्टिंग प्रक्रिया को तेजी से ट्रैक किया जाना चाहिए और काफी संभावना है कि JFS एक महीने के समय में (या उससे भी पहले) लिस्ट हो सकता है.
रिलायंस का मुनाफा घटा
जून की तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का नेट प्रॉफिट 10.8 फीसदी घटकर 16,011 करोड़ रुपये पर आ गया. पिछले साल की इसी अवधि में रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुनाफा 17,955 करोड़ रुपये रहा था. मुख्य रूप से क्रूड ऑयल की कीमतों में आई तेज गिरावट और डाउनस्ट्रीम प्रोडक्ट्स की कम कीमत वसूली के कारण रेवेन्यू में गिरावट आई है. हालांकि, जियो इन्फोकॉम का पहली तिमाही में मुनाफा 12.2 फीसदी बढ़ा है.
RSIL का डीमर्जर
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) अपनी सहयोगी फर्म रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (RSIL) को अलग कर नई कंपनी का स्वरूप दिया है. अब रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड का नाम बदलकर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) हो जाएगा. JFSL उपभोक्ताओं, व्यापारियों आदि को कर्ज देने के लिए पर्याप्त रेगुलेटरी पूंजी प्रदान करने के लिए लिक्विड एसेट का अधिग्रहण करेगी और कम से कम अगले 3 वर्षों में बीमा, पेमेंट, डिजिटल ब्रोकिंग और एसेट मैनजमेंट जैसी वित्तीय सेवाओं को डेवलप करेगी.