हालिया समय में खादी (Khadi) की लोकप्रियता और स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है. अब लोग इस तरह से खादी के कपड़ों को पसंद करने लगे हैं कि ये एक बड़ा ब्रांड बनकर उभरा है. इसका अंदाजा खादी की लगातार बढ़ रही बिक्री से साफ-साफ लगता है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (FY22) के पहले 9 महीनों में ही खादी की बिक्री का आंकड़ा 3 हजार करोड़ रुपये को पार कर चुका है.
मंत्री ने लोकसभा में बताया बिक्री का आंकड़ा
एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा (MoS Bhanu Pratap Singh Verma) ने गुरुवार को लोकसभा (Lok Sabha) में एक सवाल के लिखित जवाब में इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में खादी की बिक्री (Khadi Sale) का आंकड़ा 3,527.71 करोड़ रुपये रहा था. इस वित्त वर्ष की बात करें तो अप्रैल से दिसंबर 2021 तक ही 3,030 करोड़ रुपये की बिक्री हो चुकी है. उन्होंने निचले सदन को बताया कि सरकार और उनके मंत्रालय ने खादी के पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाया है.
सरकार ने खादी के लिए किए ये प्रयास
मंत्री ने कहा कि जो कदम उठाए गए हैं, उनमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) के टेक्निकल सपोर्ट के साथ खादी के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाना, एक्जिबिशंस ऑर्गेनाइज करना और रियायती दर पर कर्ज उपलब्ध कराना शामिल है. उन्होंने बताया कि भारतीय खादी ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने जर्मनी, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, रूस, चीन, बहरीन, ओमान, कुवैत, सऊदी अरब, मैक्सिको और मालदीव समेत 17 देशों में खादी ट्रेडमार्क को रजिस्टर करा चुका है.
हर साल गांधी जयंती पर बनता है रिकॉर्ड
खादी की बढ़ती लोकप्रियता का आलम ऐसा है कि पिछले साल गांधी जयंती के मौके पर दिल्ली स्थित खादी इंडिया (Khadi India) के इकलौते स्टोर ने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री कर ली थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर खादी के कपड़ों में दिख जाते हैं और वह बार-बार इसे बढ़ावा देने का प्रयास करते रहते हैं. महात्मा गांधी ने खादी को भारत की आजादी की लड़ाई का हथियार बनाया था. इस कारण भी खादी का प्रतीकात्मक और राजनीतिक महत्व है. कनॉट प्लेस स्थित खादी इंडिया का फ्लैगशिप स्टोर साल 2018 के बाद से हर बार 2 अक्टूबर पर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा के खादी के सामानों की बिक्री कर रहा है.