रियल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर की तेज रफ्तार पर अब हल्के ब्रेक लगते नजर आ रहे हैं. हालांकि इसका मतलब ये कतई नहीं है कि रियल एस्टेट सेक्टर में गिरावट आ रही है बल्कि इसके मायने हैं कि इसकी रफ्तार में अब पहले के मुकाबले मामूली कमी आई है.
ये कहने की वजह नाइट फ्रैंक और नरेडको के रियल एस्टेट सेंटीमेंट इंडेक्स के नतीजे हैं. इसके मुताबिक रियल एस्टेट सेक्टर का करंट सेंटीमेंट स्कोर जनवरी-मार्च तिमाही के ऑल टाइम हाई 72 से कम होकर 65 पर आ गया है. वहीं फ्यूचर सेंटीमेंट स्कोर 73 से घटकर अब 65 रह गया है.
जानकारों के मुताबिक इस कमी से फिलहाल घबराने की जरुरत नहीं है, क्योंकि ये अभी भी पॉजिटिव जोन में है. इस इंडेक्स में 50 से ज्यादा का कोई भी स्कोर ग्रोथ का संकेत है. ऐसे में 65 का स्कोर तो रियल एस्टेट सेक्टर के लिहाज से काफी बेहतर माना जा सकता है.
इसी तरह फ्यूचर सेंटीमेंट स्कोर का 65 पर होना भी भविष्य में तेजी बने रहने का संकेत है. यानी लॉन्ग टर्म के हिसाब से रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी बनी रहने का भरोसा है जो फिलहाल चुनाव और बजट के बाद थोड़ा सा शांत माना जा रहा है.
ब्याज दरों में कमी का इंतजार
नाइट फ्रैंक और नरेडको के रियल एस्टेट सेंटीमेंट इंडेक्स के नतीजों मुताबिक 63 फीसदी होम बायर्स को आने वाले समय में घरों की कीमतों में बढ़ोतरी का अनुमान है, जबकि 51 परसेंट होम बायर्स को घरों की बिक्री में बढ़ोतरी का भरोसा है. वहीं 24 फीसदी होम बायर्स को स्थिरता की उम्मीद है. जानकारों का मानना है कि अगर आने वाले महीनों में होम लोन की ब्याज दरों में कमी होती है तो फिर रियल एस्टेट की रफ्तार में कमी आना मुश्किल है.
डेवलपर्स का कमजोर पड़ा सेंटीमेंट!
नाइट फ्रैंक और नरेडको के रियल एस्टेट सेंटीमेंट इंडेक्स में डेवलपर्स और नॉन डेवलपर्स यानी बैंकों, वित्तीय संस्थानों और PE फंड्स वगैरह की भी राय ली जाती है. इसके मुताबिक डेवलपर्स का फ्यूचर सेंटीमेंट इंडेक्स पहली तिमाही के 72 से घटकर 61 और नॉन डेवलपर्स का फ्यूचर सेंटीमेंट इंडेक्स पहली तिमाही के 73 से घटकर 68 हो गया है.
ऐसे में समझा जा सकता है कि देश और दुनिया के मौजूदा हालातों को देखकर रियल एस्टेट के स्टेकहोल्डर्स सावधानी बरत रहे हैं लेकिन रियल एस्टेट की चाल आगे कैसे रहेगी इसके लिए अगली तिमाही के सर्वे का इंतजार करना होगा.