बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए लार्सन ऐंड टूब्रो (एलऐंडटी) को एक और ठेका मिला है. कंपनी को 88 किलोमीटर लंबे वायाडक्ट निर्माण का 7,289 करोड़ रुपये का ठेका मिला है.
गुजरात में आणंद से नाडियड खंड पर वायाडक्ट का निर्माण होना है. कंपनी ने इसके लिए निकाली गई निविदा में सबसे कम बोली लगायी थी. इसके पहले कंपनी को मुंबई-अहमदाबाद के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में करीब 25 हजार करोड़ रुपये का एक कॉन्ट्रैक्ट मिल चुका है.
गौरतलब है कि मुंबई-अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबी बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम चल रहा है. नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) इसका विकास जापान के सहयोग से कर रहा है.
प्रोजेक्ट का काम दिसंबर 2023 में पूरा होना प्रस्तावित है. लेकिन इसमें शायद कुछ देरी हो क्योंकि महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात के नवसारी जैसे इलाकों में अभी भी भूमि अधिग्रहण से जुड़े कुछ मुद्दे हैं.
इस कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन की स्पीड 350 किमी प्रति घंटा होने की उम्मीद है. यानी मुंबई से अहमदाबाद महज 2 घंटे में पहुंचा जा सकेगा. अभी इस दूरी को तय करने में भारतीय रेलगाड़ियों से 7 घंटा और फ्लाइट से एक घंटा लगता है.
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क्या कहा NHSRCL ने
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, NHSRCL ने एक बयान में बताया, ‘वडोदरा और अहमदाबाद के बीच 88 किलोमीटर लंबे वायाडक्ट के डिजाइन और निर्माण के लिए एलऐंडटी ने सबसे कम राशि की बोली लगायी. इस वायाडक्ट के तहत आणंद/नाडियड में स्टेशन का निर्माण भी शामिल है.'
इन कंपनियों ने लगाई थी बोली
इस निविदा के तहत एलऐंडटी समेत कुल सात निर्माण कंपनियों ने समूह बनाकर निर्माण के लिए तीन बोलियां जमा की थीं. इसमें एक समूह एफ्कॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, इरकॉन इंटरनेशनल, जेएमसी प्रोजेक्ट्स इंडिया का और दूसरा समूह एनसीसी लिमिटेड, टाटा प्रोजेक्ट्स, जे. कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, एचएसआर का था.
पहले मिला था करीब 25 हजार करोड़ का ठेका
NHSRCL परियोजना के तहत 237 किलोमीटर के वापी से वडोदरा के वायाडक्ट निर्माण का ठेका एलऐंडटी को ही पहले मिल चुका है. इसमें चार ऊपरगामी रेलवे स्टेशन वापी, बिलमोरा, सूरत और भरूच एवं सूरत में ट्रेन डिपो का निर्माण शामिल है. इस ठेके का मूल्य 24,985 करोड़ रुपये है.