scorecardresearch
 

LIC और Adani Wilmar की लार्ज-कैप क्लब में जल्द एंट्री, अडानी पावर का भी बढ़ेगा 'पावर'

बाजार पूंजीकरण के हिसाब से टॉप 100 कंपनियों को लार्ज कैप (Large Cap) में रखा जाता है. इसी तरह मार्केट कैप के हिसाब से 100-200 के बीच की कंपनियां मिड कैप (Mid Cap) में रखी जाती हैं. बाकी लिस्टेड कंपनियों की गिनती स्मॉल कैप (Small Cap) में होती है.

Advertisement
X
फायदे में रहेंगी अडानी समूह की दो कंपनियां
फायदे में रहेंगी अडानी समूह की दो कंपनियां
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हर छह महीने में बदलती है कंपनियों की श्रेणी
  • मार्केट कैप घटने-बढ़ने से बदलती है कैटेगरी

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Association of Mutual Funds in India) जल्दी ही शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनियों की श्रेणी में बदलाव करने वाला है. एएमएफआई (AMFI) हर छह महीने में मार्केट कैप (Market Cap) के हिसाब से कंपनियों की कैटेगरी बदलता है. इस बार होने जा रहे बदलाव में अडानी समूह (Adani Group) की दो कंपनियों और हाल ही में लिस्ट हुई सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) को बड़ा फायदा होने वाला है. ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) की मानें तो अडानी विल्मर (Adani Wilmar), अडानी पावर (Adani Power) और एलआईसी को लार्ज कैप में एंट्री मिल सकती है.

Advertisement

इन कंपनियों को मिलती है लार्ज कैप में जगह

बाजार पूंजीकरण के हिसाब से टॉप 100 कंपनियों को लार्ज कैप (Large Cap) में रखा जाता है. इसी तरह मार्केट कैप के हिसाब से 100-200 के बीच की कंपनियां मिड कैप (Mid Cap) में रखी जाती हैं. बाकी लिस्टेड कंपनियों की गिनती स्मॉल कैप (Small Cap) में होती है. बाजार में आई हालिया गिरावट और एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) के बाद शेयरों के गिरे भाव के बाद भी सरकारी बीमा कंपनी अभी मार्केट कैप के हिसाब से बाजार की सातवीं सबसे बड़ी कंपनी है. वहीं अडानी पावर 63वें और अडानी विल्मर 70वें पायदान पर है. ऐसे में इन तीनों की लार्ज कैप में एंट्री स्वाभाविक है.

फायदे में रहने वाली हैं ये कंपनियां

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार, अडानी पावर, अडानी विल्मर और एलआईसी के अलावा चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स व बैंक ऑफ बड़ौदा की भी लार्ज कैप में एंट्री हो सकती है. अभी मार्केट कैप के हिसाब से चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट 87वें, बैंक ऑफ बड़ौदा 90वें और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स 93वें पायदान पर हैं. इसी तरह टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र, केपीआर मिल, टान्ला प्लेटफॉर्म्स, पूनावाला फिनकॉर्प, फिनीक्स मिल्स, एसकेएफ इंडिया और चंबल फर्टिलाइजर्स को मिडकैप में एंट्री मिल सकती है. अभी ये कंपनियां स्मॉलकैप में हैं.

Advertisement

इन कंपनियों को हो सकता है नुकसान

दूसरी ओर कुछ कंपनियों को नुकसान भी हो सकता है. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार, आईडीबीआई बैंक, एचडीएफसी एएमसी, गोदरेज प्रॉपर्टीज, सेल, जाइडस लाइफसाइंसेज, जुबिलेंट फूडवर्क्स और पीबी फिनटेक को लार्ज कैप से बाहर निकलना पड़ सकता है. इन कंपनियों के शेयरों की वैल्यू में जनवरी से अब तक गिरावट आई है, जिससे इनका एमकैप कम हो गया है. इसी तरह सनोफी इंडिया हेल्थकेयर, अजंता फार्मा, एप्टस वैल्यू, अल्काइल एमाइन्स मटीरियल्स, गुजरात स्टेट पेट्रोनेट एनर्जी, हैप्पीएस्ट माइंड्स, इंडियामार्ट, जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट, नैटको फार्मा, यूको बैंक, आदित्य एएमसी फाइनेंशियल सर्विसेज और नुवोको विस्टाज को मिडकैप से निकलकर स्मॉलकैप में जाना पड़ सकता है.

 

Advertisement
Advertisement