LIC IPO Latest Update: सरकार ने आज एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) का बहुप्रतीक्षित ड्राफ्ट बाजार नियामक सेबी (SEBI) को सौंप दिया. इसके साथ ही लंबे समय से चल रहे कयासों का अंत हो गया. एलआईसी के इस आईपीओ में कंपनी की कुल इक्विटी का साइज (LIC IPO Size) 632 करोड़ शेयरों का होगा. आईपीओ में करीब 31.6 करोड़ शेयरों की बिक्री होगी.
आज देर शाम जमा हुआ ड्राफ्ट
डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) सेक्रेटरी के Tweeter हैंडल से रविवार देर शाम बताया गया कि सेबी के पास एलआईसी आईपीओ का ड्राफ्ट पेपर (LIC IPO Draft Paper) जमा करा दिया गया है. यह ड्राफ्ट पेपर सेबी की आधिकारिक वेबसाइट (SEBI Website) पर भी उपलब्ध है. इसे सेबी की वेबसाइट से डाउनलोड कर कोई भी आईपीओ के डिटेल्स की जानकारी ले सकता है.
पॉलिसीहोल्डर्स के लिए ज्यादा मौके
एलआईसी आईपीओ के ड्राफ्ट पेपर के अनुसार, टोटल इक्विटी का साइज 632 करोड़ शेयरों का होने वाला है. सरकार इस आईपीओ के जरिए अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने वाली है. अभी एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है. इस आईपीओ में एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स के लिए 10 फीसदी हिस्सा रिजर्व रहने वाला है. इसका अर्थ हुआ कि एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स के पास एलआईसी में बिड पाने के ज्यादा चांसेज होंगे.
इतने करोड़ शेयर बेचेगी सरकार
DIPAM सेक्रेटरी ने अलग से एक Tweet में बताया कि इस आईपीओ के जरिए सरकार करीब 31.6 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगी. इनमें से 3.16 करोड़ शेयर उन लोगों के लिए रिजर्व होगा, जिनके पास एलआईसी की कोई पॉलिसी (LIC Policy) है. उन्होंने कहा कि यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फोर सेल (OFS) होगा. इसमें एलआईसी का कोई फ्रेश इश्यू (Fresh Issue) नहीं होगा.
ऐसे इन्वेस्टर्स के लिए इतना रिजर्वेशन
आईपीओ ड्राफ्ट के अनुसार, इसमें 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (QIB) के लिए रिजर्व रहेगा. इसका अर्थ हुआ कि कुल 31,62,49,885 शेयरों में से आधा यानी करीब 15.8 करोड़ शेयर QIB के लिए अलग रखे जाएंगे. वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए 15 फीसदी शेयर रिजर्व रखे जाएंगे.
DIPAM सेक्रेटरी ने दी थी ये जानकारी
डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय ने हाल ही में बताया था कि प्रस्तावित आईपीओ में एलआईसी के लाखों बीमाधारकों के लिए डिस्काउंट भी ऑफर किया जा सकता है. उन्होंने कहा था कि पॉलिसीहोल्डर्स को इश्यू प्राइस (Issue Price) पर डिस्काउंट (Discount) देने के लिए एलआईसी एक्ट (LIC Act) में जरूरी संशोधन किया जा चुका है. इस आईपीओ में एलआईसी के कर्मचारियों के लिए भी कुछ हिस्सा रिजर्व रखा जा सकता है.
इस आईपीओ से सरकार को बड़ी उम्मीदें
सरकार इस फाइनेंशियल ईयर में विनिवेश (Disinvestment) के साथ ही फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) के मोर्चे पर पिछड़ रही है. विनिवेश का टारगेट रिवाइज करने के बाद भी अभी सरकार मीलों दूर है. पहले 2021-22 में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया गया था. इसे सरकार ने घटाकर 78 हजार करोड़ रुपये कर दिया है. अभी तक सरकार को विनिवेश से करीब 12 हजार करोड़ रुपये ही मिल पाए हैं. ऐसे में टारगेट अचीव करने के लिए सरकार की सारी उम्मीदें एलआईसी आईपीओ पर टिकी हुई हैं.