LIC IPO: सरकार ने बहुप्रतीक्षित एलआईसी आईपीओ के लिए सोमवार को बाजार नियामक सेबी (SEBI) के पास संशोधित ड्राफ्ट (LIC IPO Draft) जमा करा दिया. यह संशोधित ड्राफ्ट एलआईसी आईपीओ के अनुमानित आकार में की गई कटौती को लेकर है. सरकार से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी.
आईपीओ में हो चुकी है महीनों की देरी
ऐसा माना जा रहा है कि बाजार नियामक सेबी एलआईसी आईपीओ के अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस (DRHP) को आज ही मंजूरी दे सकता है. सरकार इसके बाद इसी सप्ताह आईपीओ का रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस भी सेबी के पास जमा करा सकती है. एलआईसी आईपीओ के लॉन्च होने में पहले ही कई महीनों की देरी हो चुकी है. रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) समेत कई कारणों से बाजार में पिछले कुछ समय से बिकवाली का दौर चल रहा है. इसी कारण एलआईसी आईपीओ में देरी हो रही है.
पहले ड्राफ्ट में इतना था आईपीओ का साइज
सरकारी बीमा कंपनी का यह आईपीओ सरकार के विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है. हालांकि सरकार अभी के बाजार के हालात को देखकर आईपीओ लॉन्च करने में देरी कर रही है. पहले बताया जा रहा था कि प्रस्तावित आईपीओ में सरकार करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने वाली है. हालांकि बाजार के बदले हालात को देखते हुए सरकार ने पब पहला ड्राफ्ट जमा किया तो सेबी से 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की ही अनुमति ली. अब इसे और छोटा करने की तैयारी है.
अब इतना छोटा होगा एलआईसी आईपीओ
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने अब एलआईसी आईपीओ का साइज 5 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी करने की तैयारी में है. इस तरह अब इस आईपीओ का साइज कम होकर करीब 21 हजार करोड़ रुपये रह सकता है. हालांकि इसके बाद भी एलआईसी आईपीओ के नाम भारत के सबसे बड़े आईपीओ का रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा. सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बाजार के हालात सुधरने पर आईपीओ में 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की भी पेशकश की जा सकती है.