सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC IPO) के बहुप्रतीक्षित आईपीओ को लेकर स्थितियां साफ होने लगी हैं. सरकार ने एक दिन पहले सोमवार को बाजार नियामक सेबी (SEBI) के पास आईपीओ का संशोधित ड्राफ्ट (Updated DRHP) जमा किया. इसके बाद आज मंगलवार को सरकारी बीमा कंपनी के बोर्ड (LIC Board) की बैठक होने वाली है. संशोधित ड्राफ्ट में सरकार ने न सिर्फ एलआईसी वैल्यूएशन (LIC Valuation) को कम किया है, बल्कि आईपीओ के साइज (LIC IPO Size) को भी घटा दिया गया है. हालांकि अभी इश्यू के प्राइस बैंड (LIC IPO Price Band) को लेकर स्थितियां साफ नहीं हुई हैं.
छोटा होने के बाद भी सबसे बड़ा आईपीओ
लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (Life Insurance Corporation) का यह आईपीओ रिटेल इन्वेस्टर्स (Retail Investors) के लिए 4 मई को खुलने वाला है. यह आईपीओ बिडिंग के लिए 9 मई तक खुला रहेगा. एंकर इन्वेस्टर्स (Anchor Investors) के लिए एलआईसी आईपीओ 2 मई को ही खुल जाएगा. आज बोर्ड की बैठक में इसके ऊपर आधिकारिक मुहर लग जाएगी. इस आईपीओ के जरिए सरकार 21 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. इस तरह एलआईसी का यह पहला इश्यू भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ (Biggest IPO of India) बनने वाला है.
इतनी आंकी गई एलआईसी की नई वैल्यू
हालांकि पहले इस आईपीओ के और बड़ा होने के कयास लग रहे थे. पहले माना जा रहा था कि सरकार आईपीओ में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रयास करेगी. बाद में जब पहला ड्राफ्ट जमा हुआ तो उसमें सरकार ने सेबी से 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी ली. सरकार ने अब एलआईसी का वैल्यूएशन भी कम कर दिया है. अब एलआईसी की वैल्यू 6 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है. यह एम्बेडेड वैल्यू (Embeded Value) का करीब 1.1 गुना है.
बिकवाली के माहौल ने इतना छोटा किया साइज
शेयर बाजार में पिछले कुछ महीने से जारी बिकवाली के कारण इस एलआईसी पर काफी असर पड़ा है. यह अब न सिर्फ महीनों की देरी के बाद आ रहा है, बल्कि इसका साइज भी कई गुना कम हो गया है. सरकार अपने विनिवेश के लक्ष्य को पाने के लिए 31 मार्च 2022 से पहले ही यह आईपीओ लाना चाहती थी. रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू होने के बाद बाजार में बिकवाली का दौर हावी हो गया. इसके कारण सरकार ने विनिवेश के लक्ष्य को भी कम किया और एलआईसी के बहुप्रतीक्षित आईपीओ को टाल दिया. पहले माना जा रहा था कि इस आईपीओ का साइज 80 हजार करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है. अब इसका साइज शुरुआती कयासों की तुलना में 4-5 गुना छोटा रह गया है.
कर्मचारियों, पॉलिसीहोल्डर्स के लिए इतना रिजर्व
अपडेटेड डीआरएचपी के अनुसार, इस आईपीओ में एलआईसी के कर्मचारियों के लिए अधिकतम 5 फीसदी का रिजर्वेशन (LIC IPO Reservation) रहेगा. इसी तरह कंपनी के पॉलिसीहोल्डर्स के लिए आईपीओ का अधिकतम 10 फीसदी हिस्सा रिजर्व रहने वाला है. एलआईसी बोर्ड ने पिछले सप्ताह सरकार की 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दी थी. इस तरह यह करीब 22.14 करोड़ शेयर हो जाता है. इससे पहले जब सरकार ने पहला ड्राफ्ट सेबी को सौंपा था, उसमें 5 फीसदी हिस्सेदारी यानी 31.62 करोड़ शेयर बेचने की बात की गई थी.
इतना हो सकता है LIC IPO का प्राइस बैंड
अगर मौजूदा जानकारियों के हिसाब से देखें तो एलआईसी आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 950 रुपये के आस-पास रह सकता है. हालांकि इसके बारे आधिकारिक तौर पर जानकारी बाद में ही मिल पाएगी. सरकार के एक अधिकारी ने बताया था कि अगर आने वाले दिनों में बाजार के हालात सुधरते हैं तो एलआईसी आईपीओ के साइज को बढ़ाकर 5 फीसदी किया जा सकता है. इसके अलावा अभी यह जानकारी भी साफ नहीं हुई है कि इस आईपीओ का लॉट साइज (LIC IPO Lot Size) क्या होने वाला है.