देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के शेयरों में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को LIC के शेयर तीन फीसदी से अधिक टूटे थे. LIC के शेयर पिछले दिन के बंद 584.65 रुपये के मुकाबले सोमवार को फिसलकर अपने 52 वीक के लो लेवल पर पहुंच गए. इस बीमा कंपनी के शेयर सोमवार के कारोबार में 3.19 फीसदी टूटकर 566 रुपये के स्तर पर आ गए. लगातार सात दिनों से LIC के शेयर टूट रहे हैं. मुश्किलों से घिरे अडानी ग्रुप के साथ सरकारी बीमा कंपनी भी दिक्कतें बढ़ रही हैं. हिंडनबर्ग और अडानी विवाद के बीच LIC के शेयरों में जारी गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है.
शेयरों में कितनी गिरावट
अडानी शेयरों में गिरावट और मार्केट कैपिटलाइजेशन में हुए भारी नुकसान का असर LIC के शेयरों पर नजर आ रहा है. बिजनेस टुडे टीवी के साथ बातचीत में मार्केट्समोजो के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया ने कहा, 'अडानी के शेयरों की कीमत में उतार-चढ़ाव के कारण एलआईसी के शेयरों का प्राइस गिरा है. साल-दर-साल (YTD) आधार पर शेयर में 19.96 प्रतिशत की गिरावट आई है.'
कितना है निवेश
LIC ने अडानी ग्रुप के लगभग सभी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्टमेंट किया हुआ है. इनमें Adani Enterprises, Adani Green Energy, Adani Ports, dani Total Gas, Adani Transmission, Ambuja Cements and ACC शामिल हैं. बीएसई को दिए गए आंकड़े में LIC ने बताया था कि उसका सबसे अधिक निवेश अडानी पोर्ट में है. इस कंपनी में उसकी हिस्सेदारी 9.1 फीसदी है. वहीं, छह कंपनियों में 1.25 फीसदी से 6.5 फीसदी तक की हिस्सेदारी है.
स्टॉक को आखिरी बार 5 दिन, 20, 50, 100 और 200 दिवसीय मूविंग एवरेज से कम कारोबार करते देखा गया थाय काउंटर का 14 दिन का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (आरएसआई) 21.04 पर आया गया था. 30 से नीचे के स्तर को ओवरसोल्ड के रूप में परिभाषित किया गया है जबकि 70 से ऊपर के मूल्य को ओवरबॉट माना जाता है.
कितना हुआ है नुकसान
एलआईसी ने गौतम अडानी की कंपनियों में भारी-भरकम निवेश (LIC Investment In Adani Shares) किया हुआ है. 30 जनवरी को LIC ने बताया था कि अडानी ग्रुप में बीमा कंपनी का दिसंबर के अंत तक इक्विटी और कर्ज के तहत 35,917 करोड़ रुपये हैं. बीमा कंपनी के अनुसार, सभी कंपनियों में इक्विटी का कुल खरीद वैल्यू 30,127 करोड़ रुपये है. 27 जनवरी 2023 को इसका मार्केट वैल्यू 56,142 करोड़ रुपये था. रिपोर्ट्स के अनुसार, 23 फरवरी को ये घटकर 27,000 करोड़ रुपये पर आ गया था. बीते एक महीने में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद घाटा तेजी से बढ़ा है.
बीते 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर अपनी रिसर्च रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें शेयरों के हेर-फेर और कर्ज को लेकर बड़े दावे किए गए थे. इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी के शेयरों में भारी गिरावट आई है.