LIC IPO से देशभर के निवेशकों को बड़ी उम्मीदें थीं, खासकर लिस्टिंग गेन (Listing Gain) से पैसे बनने का इंतजार था, जो अब टूट गया है. एलआईसी आईपीओ की गिरावट के साथ लिस्टिंग हुई है.
दरअसल, BSE पर करीब 9 फीसदी गिरकर 867 रुपये पर LIC शेयरों की लिस्टिंग हुई. शेयर बाजार में गिरावट का असर LIC आईपीओ की लिस्टिंग पर पड़ा है. ऐसे में निवेशकों को देश के सबसे बड़े आईपीओ से झटका लगा है. लिस्टिंग के बाद LIC का मार्केट कैप (Market cap) 5.48 लाख करोड़ रुपये था.
अब क्या करें?
हालांकि लिस्टिंग के बाद थोड़ी रिकवरी देखने को मिल रही है. सुबह 10.15 बजे NSE पर LIC के शेयर करीब 5 फीसदी गिरकर ट्रेड कर रहा था. जानकारों की मानें तो बाजार में सुधार के साथ ही LIC के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है. लेकिन इसके लिए निवेशकों को इंतजार करना पड़ सकता है. फिलहाल तो निवेशक निराश हैं.
बता दें, रिकॉर्ड 6 दिनों तक खुले रहे एलआईसी के आईपीओ को लगभग हर कैटेगरी में बढ़िया रिस्पॉन्स मिला था. LIC IPO का प्राइस बैंड 902 से 949 रुपये के बीच तय किया गया था. डिस्काउंट पर लिस्टिंग के संकेत पहले से मिल रहे थे. क्योंकि ग्रे मार्केट में एलआईसी आईपीओ का प्रीमियम (LIC IPO GMP) लगातार गिर रहा था.
IPO के बारे में
एलआईसी के आईपीओ को मिला ऐसा रिस्पॉन्सआपको बता दें कि देश के सबसे बड़े आईपीओ में 16,20,78,067 शेयर ऑफर किए गए थे और इनके लिए 47,83,25,760 बोलियां प्राप्त हुईं. पॉलिसी होल्डर्स की कैटेगरी में आईपीओ को 6.12 गुना सब्सक्राइब किया गया. इसी तरह एलआईसी के कर्मचारियों (LIC Employees) के लिए रिजर्व रखे गए हिस्से को 4.4 गुना सब्सक्राइब किया गया. रिटेल इन्वेस्टर्स (Retail Investors) का हिस्सा भी 1.99 गुना सब्सक्राइब किया गया. इनके अलावा QIB के लिए रखे गए हिस्से को 2.83 गुना और NII के हिस्से को 2.91 गुना सब्सक्राइब किया गया. कुल मिलाकर एलआईसी आईपीओ को 2.95 गुना सब्सक्रिप्शन मिला.
विनिवेश का लक्ष्य
आईपीओ का इश्यू साइज 21,000 करोड़ रुपये का है, और IPO के जरिये करीब 22.14 करोड़ शेयर बेचे गए. इस आईपीओ (LIC IPO) के जरिए सरकार अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची है. बता दें, सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में विनिवेश से 65 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.