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Survey: जलभराव से दिल्ली वाले सबसे ज्यादा दुखी, नोएडा-गाजियाबाद के लोग बोले 'नो-टेंशन'

एक सर्वे में दावा किया गया है कि 86 फीसदी लोग जलभराव की वजह से ट्रैफिक में फंसकर सफर में अतिरिक्त समय गंवाने को मजबूर हैं. इससे लोगों की काम करने की क्षमता पर तो असर पड़ ही रहा है.

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delhi waterlogging
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मानसून में पहाड़ों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी बारिश कहर बरपा रही है. दिल्ली-एनसीआर में भी जलभराव की समस्या लगातार विकट होती जा रही है. इससे दिल्ली और NCR में रहने वाली कामकाजी आबादी जो सुबह शाम घर और दफ्तर की दौड़ लगाती है सबसे ज्यादा परेशान है. इसके अलावा भी सड़क पर किसी भी काम से निकलने वाले लोगों की आवाजाही में इस जलभराव से बड़ी अड़चन पैदा हो रही है और सभी को अब सड़कों पर सफर पूरा करने के लिए ज्यादा वक्त बिताना पड़ रहा है. 

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ऐसे में लोकल सर्कल्स के एक सर्वे में दावा किया गया है कि 86 फीसदी लोग जलभराव की वजह से ट्रैफिक में फंसकर सफर में अतिरिक्त समय गंवाने को मजबूर हैं. इससे लोगों की काम करने की क्षमता पर तो असर पड़ ही रहा है. साथ ही वाहनों के रखरखाव का खर्च भी बढ़ गया है. इसी तरह फ्लाइट, ट्रेन छूटने के साथ-साथ दूसरी वजहों से 71 परसेंट लोगों को आर्थिक नुकसान हो रहा है.

मानसून में दिल्ली सबसे कम तैयार!
लोकल सर्कल्स के सर्वे में 19 हजार लोगों के जवाब मिले, जिनमें 67 फीसदी पुरुष और 33 फीसदी महिलाएं थीं. सर्वे में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के लोगों को शामिल किया गया था. सर्वे में आए जवाबों के मुताबिक दिल्ली को लोगों ने मानसून सीजन के लिए सबसे कम तैयार बताया है, जबकि नोएडा और गाजियाबाद की तैयारी के बेहतर होने के दावे किए हैं. वैसे नोएडा और गाजियाबाद तुलनात्मक तौर पर भले ही दिल्ली से बेहतर नजर आते हैं. लेकिन बारिश होते ही यहां के भी तमाम इलाकों में जलजमाव की तस्वीर दिखाई देना आम बात है.

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गुरुग्राम के 62% लोग अथॉरिटीज से नाराज
सर्वे में शामिल दिल्ली-NCR के 92 फीसदी लोगों का कहना है कि मानसून के मौसम में दिल्ली नगर निगम, जल, यातायात से जुड़ी अथॉरिटी ने जलभराव से निपटने के लिए तैयारी नहीं की, वहीं गुरुग्राम के 62 फीसदी लोग ही ऐसा सोचते हैं जबकि नोएडा और गाजियाबाद के 38 परसेंट लोग ही ऐसा सोचते हैं. वहीं फरीदाबाद के 46 परसेंट लोगों का मानना है कि शहर की अथॉरिटीज ने मानसून के लिए तैयारी नहीं की. 

सर्वे में दिल्ली-एनसीआर के लोगों से अलग-अलग सवाल पूछे गए थे जिसमें मिले 9 हजार 758 जवाबों के मुताबिक 86 फीसदी लोगों ने मानसून में एक या ज्यादा समस्याओं का सामना किया था जबकि 14 फीसदी लोगों को बारिश में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई. वहीं अथॉरिटीज की मानसून की तैयारी को लेकर पूछे गए सवालों पर 9 हजार 694 जवाब मिले जिसमें दिल्ली के लोग सबसे ज्यादा नाराज नजर आए.

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