लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्ममण्यम (SN Subrahmanyan) एक बार फिर सुर्खियों में हैं. बीते दिनों अपने कर्मचारियों को 90 घंटे काम की सलाह देने वाले सुब्रह्ममण्यम ने अब फिर से कुछ ऐसा बोल दिया है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. दरअसल, उन्होंने देश में श्रमिकों की कमी के लिए सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को बताया है. चेन्नई में आयोजित CII के समिट में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की वेलफेयर स्कीमों और आराम दिए जाने के चलते कंस्ट्रक्शन लेबर काम करने से कतरा रहे हैं.
श्रमिकों की कमी ने बढ़ाई चिंता
L&T Chairman ने मंगलवार को CII के मिस्टिक साउथ ग्लोबल लिंकाज समिट 2025 में शिरकत की और इस दौरान उन्होंने खासतौर पर कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में श्रमिकों की कमी पर गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि एक संगठन के रूप में, हम किसी भी समय लगभग 2.5 लाख कर्मचारियों और 4 लाख मजदूरों को जॉब देते हैं, लेकिन इस समय इन श्रमिकों की उपलब्धता को लेकर चिंता बढ़ गई है. सुब्रह्ममण्यम ने इसके पीछे की वजह बताते हुए आगे कहा कि दुनियाभर से श्रमिक काम के अवसरों के लिए पलायन करते दिख रहे हैं, लेकिन भारत में ऐसा नहीं दिख रहा, श्रमिक इसके लिए आगे बढ़ने को तैयार नहीं है.
सरकारी स्कीम्स को बताया कमी की वजह
बिजनेस टुडे के मुताबिक, चेयरमैन एसएन सुब्रह्ममण्यम ने कहा कि भारत में कंस्ट्रक्शन लेबर की भारी कमी देखी जा रही है, ऐसा हो सकता है कि यह उनके लिए सरकार द्वारा चलाई जा रहीं विभिन्न सरकारी योजनाओं (Govt Schemes) और डीबीटी (Direct Benefits Transfer) के कारण हो, जिनसे उन्हें काम की ज्यादा जरूरत महसूस ही नहीं हो रही और उनकी आर्थिक हालत दुरुस्त चल रही हो. उन्होंने अपनी कंपनी का जिक्र करते हुए कहा कि L&T ने श्रमिकों को जुटाने, उनकी भर्ती करने और उनकी देखरेख के लिए एचआर टीम रखी है, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद आज श्रमिकों को ढूंढ़ना और उन्हें काम पर बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.
90 घंटे काम की सलाह देकर हुए थे ट्रोल
एलएंडटी बॉस इससे पहले भी ऐसे बयान दे चुके हैं, जो देश में बहस का मुद्दा बना है. बीते दिनों एसएन सुब्रह्ममण्यम ने अपने कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम (90 Hours Work Week) की सलाह देकर विवाद खड़ा कर दिया था और इस लेकर उन्हें जमकर ट्रोल किया गया था. उन्होंने अपने कर्मचारियों से कहा था कि, 'मुझे अफसोस है कि मैं आपसे रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं, अगर मैं ऐसा करवा पाऊं, तो ज्यादा खुशी होगी, क्योंकि मैं खुद रविवार को काम करता हूं.'
सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने 90 घंटे काम की वकालत करते हुए कर्मचारियों से यहां तक कह दिया था कि घर में बैठे-बैठे कब तक अपनी पत्नी को निहारोगे, चलो, ऑफिस जाओ और काम शुरू करो. इसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस वीडियो क्लिप को लेकर ऐसी बहस छिड़ी की कंपनी को अपना स्पष्टीकरण तक जारी करना पड़ा.