मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने दो बैंकों के फरार आरोपी मेहुल चोकसी की कुछ प्रॉपर्टी (Mehul Choksy properties) का मूल्यांकन करके उसे बचने की अनुमति दी है. कोर्ट ने आगे कहा कि इन प्रॉपर्टी को बेचने के बाद जो इनकम मिलेगी, उसकी FD कोर्ट के नाम से कराई जाएगी. मेहुल चोकसी की इन प्रॉपर्टी में गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (GGL), नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड (NBL), नक्षत्र वर्ल्ड लिमिटेड (NWL) और गिली इंडिया लिमिटेड के अलावा अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल हैं.
स्पेशल जज एसएम मेंजोगे पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और ICICI बैंक द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रहे थे, जिन्होंने 2022 में पहले भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस बार, बैंकों ने अदालत को बताया कि संपत्तियों की बहाली में इस तरह की देरी से सार्वजनिक धन की वसूली में देरी हो रही है. बैंकों ने कहा कि प्रॉपर्टीज को हर दिन नुकसान हो रहा है, जिस कारण संपत्तियों के दाम हर दिन कम हो रहे हैं.
दोनों बैंकों की ओर से पेश शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के निर्देश पर वकील ललन गुप्ता, अनुज लोया, मेघ मानेशिंदे ने कहा कि 3 जनवरी, 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के साथ उनकी बैठक हुई थी और वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि कार्यवाही के दौरान बैंकों को संपत्तियों का मुद्रीकरण करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
संपत्ति बेचकर होगी FD
बैंकों ने कहा, "इस बात पर सहमति है कि लागू कानून के अनुसार संबंधित संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाना चाहिए और उन्हें नीलाम किया जा सकता है और बिक्री की राशि को ICICI बैंक, पीएनबी बैंक में न्यायालय के नाम पर सावधि जमा (Fixed Deposit) में रखा जाना चाहिए और जमा की गई राशि का वितरण आवेदनों के अंतिम परिणाम के अधीन होगा."
इन प्रॉपर्टी से मिले इनकम की ICICI बैंक में होगी एफडी
कोर्ट ने बैंकों और परिसमापकों को ICICI बैंक के साथ फिक्स्ड डिपॉजिट करने का आदेश दिया है. यह ICICI बैंक को सौंपी गई संपत्तियों से प्राप्त आय वाला अमाउंट होगा. इसके अलावा, जीजीएल कंसोर्टियम और एनडब्ल्यूएल कंसोर्टियम में लेडर्स को दी गई संपत्ति के बिक्री से मिले इनकम की भी एफडी आईसीआईसीआई बैंक में कराई जाएगी.
पीएनबी में होगी इन प्रॉपर्टी की एफडी
वहीं एनबीएल कंसोर्टियम और गिली कंसोर्टियम में लेडर्स को सौंपी गई संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त आय के संबंध में PNB (एनबीएल कंसोर्टियम और गिली कंसोर्टियम के लिए अग्रणी बैंक होने के नाते) के साथ सावधि जमा खोले जाने का आदेश है.
बिक्री से प्राप्त राशि को मूल्यांकन/नीलामी के लिए किए गए सभी संबंधित लागतों और खर्चों को घटाने के बाद सावधि जमा के रूप में जमा किया जाएगा. जमा के रूप में जमा की गई बिक्री आय न्यायालय के पक्ष में होगी और एफडी के रूप में जमा की गई ये बिक्री आय मामले के अंतिम परिणाम के अनुसार बांटी जाएगी.
1,217 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी
गौरतलब है कि 2018 में, ईडी ने मामले में 1,217 करोड़ रुपये की 41 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था. कुर्क की गई संपत्तियों में मुंबई के एक पॉश इलाके में उनके दो फ्लैट, कोलकाता में एक मॉल, मुंबई-गोवा हाईवे पर 27 एकड़ जमीन, तमिलनाडु में 101 एकड़ जमीन, नासिक, नागपुर, आंध्र प्रदेश में जमीनें, ऑलबाग में दो बंगले और सूरत में कार्यालय शामिल हैं.