राजस्व सतर्कता निदेशालय (DRI) ने चाइनीज मोबाइल कंपनी Xiaomi टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Xiaomi India) को तीन कारण बताओ नोटिस जारी किया है. ये नोटिस 653 करोड़ रुपये के कर की हेरफेर से संबंधित हैं. एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी गई.
पीआईबी पर जारी बयान के अनुसार, जांच के दौरान डीआरआई ने Xiaomi India और उसके मैन्यूफैक्चरर्स के यहां सर्च ऑपरेशन कर कई दस्तावेज बरामद किए. इन दस्तावेजों से पता लगा कि Xiaomi India अंडरवैल्यूएशन का सहारा लेकर कस्टम ड्यूटी की हेराफेरी कर रही थी. इसके अलावा कंपनी Qualcomm USA और Beijing Xiaomi Software Co को कांट्रैक्ट की बाध्यताओं के चलते रॉयल्टी व लाइसेंस शुल्क भेज रही थी.
डीआरआई ने फॉक्सकॉन की भारतीय इकाई भारत एफआईएच और डिक्सन टेक्नोलॉजीज के फैक्ट्रीज की भी तलाशी ली. ये दोनों कंपनियां श्याओमी के लिए कांट्रैक्ट पर मैन्यूफैक्चरिंग करती हैं. जांच में पाया गया कि MI ब्रांड नाम से स्मार्टफोन बेचने वाली कंपनी श्याओमी या तो इन्हें बाहर से मंगाती है या बाहर से आए कल-पुर्जों को यहां असेंबल करती है. इसमें बाहर से आए सामानों की वैल्यू कम दिखाकर कस्टम ड्यूटी बचाने का प्रयास किया गया है.
डीआरआई ने पाया कि श्याओमी और उसके लिए मैन्यूफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों ने इस तरीके से तीन साल में 653 करोड़ रुपये के टैक्स की चोरी की. डीआरआई ने नोटिस में इसी की रिकवरी की मांग की है. यह मामला 01 अप्रैल 2017 से 30 जून 2020 के बीच का है.
उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग ने एक अन्य चाइनीज मोबाइल कंपनी ओप्पो के परिसरों की भी तलाशी ली. विभाग ने पिछले सप्ताह कहा था कि इन दोनों चीनी कंपनियों के ऊपर 1000 करोड़ रुपये तक की पेनाल्टी लगाई जा सकती है. हालांकि आयकर विभाग ने तब दोनों कंपनियों का नाम जाहिर नहीं किया था, लेकिन श्याओमी और ओप्पो का नाम सामने आ ही गया था.