जहां हर साल लाखों लोगों की छंटनी हो जा रही है, वहीं एक कर्मचारी करोड़ों रुपये में सैलरी पा रहा है. ऐसा दावा सोशल मीडिया के एक पोस्ट में किया गया है. हाल ही में एक्स पर एक पोस्ट खूब वायरल हो रही है, जिसके बाद टेक इंडस्ट्री में वर्क लाइफ बैलेंस और प्रोडक्टिविटी के बारे में एक जीवंत बहस छेड़ दी है.
दसअसल, एक पोस्ट में दावा किया गया है कि एक माइक्रोसॉफ्ट कर्मचारी प्रति सप्ताह केवल 15-20 घंटे काम करता है, बाकी समय लीग ऑफ लीजेंड्स गेम खेलने में बिताता है जबकि उसे 300,000 डॉलर (करीब 2.5 करोड़ रुपये) का वेतन मिलता है. इस पोस्ट के वायरल होते ही तरह-तरह रिएक्शन आ रहे हैं.
क्या है वायरल पोस्ट?
एक्स यूजर ने अपनी पोस्ट में कहा कि मैं अपने दोस्त से बात कर रहा हूं, जो माइक्रोसॉफ्ट में काम करता है और जाहिर तौर पर वह सप्ताह में 15-20 घंटे काम करता है और बाकी समय गेम खेलता है और इसके लिए उसे 300 हजार डॉलर मिलते हैं. पोस्ट ने तुरंत ही लोकप्रियता हासिल कर ली, इसे 2 मिलियन से अधिक बार देखा गया और अन्य यूजर्स की ओर से भी प्रतिक्रियाएं सामने आईं.
यूजर्स के बीच छिंडा बहस
इस पोस्ट पर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं आईं, जिनमें नौकरी के अवसरों के बारे में पूछताछ से लेकर प्रोडक्टविटी और वर्क लाइफ बैलेंस के बारे में गंभीर चर्चाएं शामिल थीं. कुछ यूजर्स ने नफरत व्यक्त की और इस तरह के काम के लिए योग्यता जैसे कई सवाल भी पूछे...
अन्य लोगों ने कर्मचारी का बचाव करते हुए तर्क दिया कि काम के घंटों की तुलना में परिणाम अधिक मायने रखते हैं. अगर वे वही काम 20 घंटों में कर सकते हैं, जबकि उसी काम को करने वाले किसी अन्य व्यक्ति को 40 घंटों में करना होगा, तो मुझे इसमें कोई समस्या नहीं दिखती है. एक यूजर ने लिखा कि अधिकांश सीईओ ऐसे व्यक्ति को पसंद करेंगे जो परिणाम प्राप्त करता हो और लक्ष्य तक पहुंचता हो - चाहे वह कितने भी घंटे या कितने भी कम काम करता हो."
बता दें कि ऐसी ही एक घटना हाल ही में एक अमेजन कर्मचारी के बारे में थी, जिसने दावा किया था कि वह कम से कम काम करके भी अच्छा वेतन कमा रहा है. ये काम की बदलती प्रकृति के बारे में चल रही बातचीत को उजागर करती हैं.