आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत कोरोना संकट के बीच सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 10,339 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई, ताकि इस दौरान काम सुगमता से चलता रहे. इसके अलावा 2475 करोड़ रुपये की एक और राशि जल्द ही जारी होने की संभावना है.
दरअसल, सरकार ने कारोबार में सुगमता सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, बल्कि देश में गुणवत्तापूर्ण सड़क बुनियादी संरचना के निर्माण में हितधारकों का विश्वास बढ़ाने के लिए भी कई उपाए किए गए हैं.
समय में भुगतान
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाया है. ठेकेदारों को भुगतान माइल्स्टोन उपलब्धि के आधार पर नहीं बल्कि प्रत्येक महीने किया जा रहा है. यह देश में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को समय से पूरा करने की दिशा में बहुत लाभदायक साबित हुआ है.
मंत्रालय ने कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने ठेकेदारों और रियायतग्राहियों के लिए कई राहत पैकेजों का विस्तार किया है. मार्च- 2020 से सितंबर- 2020 के दौरान नए अनुबंध में प्रदर्शन सुरक्षा/बैंक गारंटी जमा करने में देरी के लिए जुर्माना से छूट प्रदान की गई है.
यही नहीं, सभी राष्ट्रीय राजमार्ग टोलिंग अनुबंधों के लिए, शुल्क (प्रेषण) संग्रह में हुए नुकसान की भरपाई अनुबंध के अनुसार की जाती है. इस राहत के लिए एक आवेदन विचाराधीन है.
मंत्रालय द्वारा मध्यस्थता के माध्यम से ठेकेदारों के मुद्दों का समाधान करने का भी काम किया गया है. इसके लिए स्वतंत्र विशेषज्ञों (CCIS) से मिलकर सुलह समितियां बनाई गई हैं. सभी ठेकेदारों को उनके दावों का शीघ्र निपटारा करने के लिए सुलह के लिए बुलाया जा रहा है जिससे उनके भुगतान को तुरंत जारी किए जा सके.