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कैबिनेट के अहम निर्णय: चीनी निर्यात के लिए मिलेगा इंसेंटिव, स्पेक्ट्रम की होगी नीलामी

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट में बुधवार को हुए फैसलों की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने इस साल 60 लाख टन चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने का ऐलान किया है जो सीधे किसान के खाते में जाएगी. इसके अलावा टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी करने का भी निर्णय लिया है.

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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी कैबिनेट के फैसलों की जानकारी (फाइल फोटो: PIB)
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी कैबिनेट के फैसलों की जानकारी (फाइल फोटो: PIB)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कैबिनेट ने आज दो अहम निर्णय लिए
  • चार साल बाद स्पेक्ट्रम की होगी नीलामी
  • चीनी निर्यात की सब्सिडी सीधे किसानों को

इस सीजन में चीनी निर्यात पर केंद्र सरकार सब्सिडी देगी. कैबिनेट ने बुधवार को यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. इस बार सीधे किसानों को सब्सिडी मिलेगी. इसके अलावा टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी करने का भी निर्णय लिया है.

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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट में बुधवार को हुए CCEA फैसलों की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने इस साल 60 लाख टन चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने का ऐलान किया है जो सीधे किसानों के खाते में जाएगी. 

करीब 26,800 करोड़ रुपये की सब्सिडी  

उन्होंने कहा कि पहले घोषित सब्सिडी में से 5,361 करोड़ रुपये एक हफ्ते में​ किसान के खाते में जमा होगा और इसके बाद 3500 करोड़ की सब्सिडी दी जाएगी. इसके बाद 18,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी निर्यात के बाद सीधे किसानों के खाते में जमा होगी. इससे 5 करोड़ किसान फायदेमंद होंगे और चीनी उद्योग के करीब 5 लाख मजदूरों के भी फायदे की यह बात होगी. 

उन्होंने बताया कि इस साल चीनी की खपत करीब 260 लाख टन और उत्पादन 310 लाख टन होगा. इससे चीनी बिक्री को काफी बढ़ावा मिलेगा. 

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स्पेक्ट्रम की नीलामी

संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि सरकार ने स्पेक्ट्रम की नीलामी करने का निर्णय लिया है. 2251 मेगाहर्ट्ज का कुल स्पेक्ट्रम नीलाम होगा. यह 700,800,900, 1800,2100, 2100, 2300 और 2500 मेगाहर्ट्ज के बैंड की नीलामी होगी. इस महीने आवेदन आमंत्रित करने का नोटिस जारी होगा और मार्च में इस नीलामी को क्रियान्वित कर दिया जाएगा. 

उन्होंने कहा कि पिछला स्पेक्ट्रम का आवंटन चार साल पहले हुआ था. इसलिए अब चार साल बीत जाने की वजह से इंडस्ट्री की तरफ से इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी. इसकी नियम और शर्तें वहीं होंगी, जो साल 2016 में थी. 

इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से एक नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिवि ऑफ टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर की स्थापना का निर्णय लिया है. इसके द्वारा इस बात की पहचान की जाएगी कि टेलीकॉम इक्विपमेंट भरोसेमंद स्रोत से है या नहीं.

पिछले साल भी मिली थी सब्सिडी 

सितंबर में खत्म हुए ​पिछले सीजन में जो सब्सिडी दी गयी थी उसकी वजह से शुगर मिलों ने रिकॉर्ड 57 लाख टन का निर्यात किया था. ऑल इंडिया सुगर ट्रेडर्स एसोसिएशन का कहना था कि इस सीजन में सब्सिडी का ऐलान न होने से निर्यात धीमा हो गया है. सरकार के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतें घटकर 17 अमेरिकी सेंट प्रति पौंड से 14 यूएस सेंट प्रति पौंड हो सकती हैं. 

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भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है. महाराष्ट्र में कारखाना से निकले चीनी का रेट 31,000 रुपये प्रति टन के आसपास है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 33,500 रुपये के आसपास है. 

 

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