अगले साल लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) है और इसी कड़ी में अब मोदी सरकार लगातार फैसले ले रही है. अब नए साल पर आम आदमी को सस्ती दर में चावल उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है. सरकार का कहना है कि आम आदमी को महंगाई से राहत देने के लिए ये फैसला लिया जा सकता है. केवल 25 रुपये किलो भाव पर चावल उपलब्ध कराएगी. इससे पहले इसी तर्ज पर केंद्र सरकार आटा और चना देशभर में जनता को उपलब्ध करा रही है. भारत राइस (Bharat Rice) के नाम से चावल उपलब्ध करा सकती है.
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सरकार की हमेशा से योजना रही है कि अगर किसी अनाज की कीमत बढ़ती है तो लोगों को महंगाई (Inflation) से राहत देने के लिए रियायती दर पर अनाज उपलब्ध कराया जाए. लाइव मिंट के मुताबिक, अगर ये योजना पेश की जाती है, तो चावल को रियायती दर पर भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड), भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) और केंद्रीय भंडार आउटलेट के साथ-साथ मोबाइल वैन जैसी सरकारी एजेंसियों के माध्यम से बेचा जाएगा.
नवंबर में इतनी रही खाद्य महंगाई
सरकार का यह कदम ऐसे समय में आया है जब नवंबर महीने के दौरान फूड इनफ्लेशन अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.67 प्रतिशत के मुकाबले 8.7 प्रतिशत रही है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के अनुसार, इसी अवधि में अनाज की कीमतों में 10.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
नवंबर में बढ़ी खुदरा महंगाई
खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण नवंबर में खुदरा महंगाई 5.55 प्रतिशत रही. खुदरा महंगाई अक्टूबर में 4.87 फीसदी थी. वहीं अगस्त में महंगाई में गिरावट हुई थी और उस दौरान खुदरा महंगाई 6.83 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. नवंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 5.88 फीसदी रही है.
इतनी कीमत पर आटा और चना
गौरतलब है कि फिलहाल देश के 2000 से अधिक रिटेल प्वाइंट्स पर फिलहाल केंद्र सरकार 27.50 रुपये किलो के हिसाब से 'भारत आटा', (Bharat Atta) और 60 रुपये किलो के भाव से चना दाल बेच रही है. भारत गेहूं का आटा और चना दाल 2,000 से अधिक खुदरा केंद्रों पर बेचा जा रहा है.