केंद्र सरकार (Central Govt) ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात पर बैन (Laptops-Computers Import Ban) लगा दिया है. ये बैन एचएसएन 8741 कैटेगरी के तहत देश में आने वाले प्रोडक्ट्स पर लगाया गया है. इसमें अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर वाले कंप्यूटर और सर्वर भी शामिल हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया है कि प्रतिबंधित किए गए इन सामानों के आयात के लिए वैध लाइसेंस लेना जरूरी होगा.
चीन के लिए साबित होगा बड़ा झटका
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry Of Commerce And Industry) के नोटिफिकेशन के मुताबिक, HSN 8741 के तहत आने वाले लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर का आयात तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है. इन प्रतिबंधित सामानों के आयात की अनुमति वैध लाइसेंस के तहत ही दी जाएगी. इसमें ई-कॉमर्स पोर्टल (E-Commerce) अथवा पोस्ट या कूरियर के माध्यम से खरीदे गए कंप्यूटर भी शामिल हैं. इन सामानों का आयात लागू शुल्क के भुगतान के अधीन होगा.
अभी तक HSN 8741 के तहत आने वाले लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर समेत अन्य सामानों का आयात आसान था, लेकिन अब सरकार ने मेक इन इंडिया पर जोर देते हुए इस पर बैन लगा दिया है. दूसरी तरह इसे चीन के लिए एक झटका भी माना जा सकता है, क्योंकि वहां का इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट बहुत बड़ा है और इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बेचने वाली तमाम बड़ी कंपनियां चीन जैसे देशों से ही भारत में सप्लाई पहुंचाती हैं.
आयात के लिए लगाई गई ये शर्त
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से साफ कर दिया गया है कि सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए इन इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स को इस शर्त के साथ आयात की अनुमति दी जाएगी कि आयातित सामान का उपयोग केवल बताए गए उद्देश्यों के लिए ही किया जाएगा. यानी इन्हें बेचा नहीं जाएगा. इसके साथ ही उक्त प्रोडक्ट का उद्देश्य पूरा होने के बाद या तो उपयोग से परे नष्ट कर दिया जाएगा या फिर से निर्यात किया जाएगा.
बैगेज नियमों के तहत लागू नहीं होगा बैन
सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े इन सामानों को लेकर यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जबकि देश में Make In India पर जोर दिया जा रहा है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह प्रतिबंध समय-समय पर संशोधित बैगेज नियमों के तहत आयात पर लागू नहीं होगा. दरअसल, भारतीय सीमा में प्रवेश करने या देश से बाहर जाने वाले प्रत्येक यात्री को सीमा शुल्क के तहत गुजरना पड़ता है.
सरकार ने क्यों लिया ये बड़ा फैसला?
सरकार के इस फैसले के पीछे के कारणों का जिक्र करें, तो मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने यानी स्थानीय विनिर्माण को आगे बढ़ाने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया गया है. दूसरे शब्दों में कहें तो केंद्र का यह कदम विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर फोकस करते हुए खुद को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में स्थापित करने की महत्वाकांक्षी दृष्टि के अनुरूप है.
दरअसल, सरकार ऑटोमोबाइल से लेकर प्रौद्योगिकी तक सभी क्षेत्रों में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. इसके साथ ही इन सामानों के आयात पर बैन लगाकर, सरकार का लक्ष्य विदेशी बाजारों पर निर्भरता कम करके स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं को प्रोत्साहित करना है.
बीती अप्रैल-जून तिमाही में, इलेक्ट्रॉनिक्स आयात, (जिसमें बैन किए गए ये प्रोडक्ट्स भी शामिल थे) 19.7 अरब डॉलर का था, ये आंकड़ा इससे एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 6.25 फीसदी ज्यादा है. मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के पूर्व महानिदेशक अली अख्तर जाफरी जैसे उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपाय स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
लोकल मैन्युफैक्चर्स को होगा फायदा
मेक इन इंडिया मुहिम के बीच में सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले से लोकल मैन्युफैक्चर्स के साथ ही ऐसी विदेशी कंपनियों को भी फायदा होगा, जो देश में यूनिट लगातार प्रोडक्शन कर लोकल सप्लाई और दूसरे देशों को ये सामान निर्यात कर रहे हैं. इसके अलावा इस कदम का असर इंडियन इकोनॉमी पर भी देखने को मिलेगा, क्योंकि ट्रेड डेफिसिट में कमी आएगी.