देश में 21 जून से सबको कोरोना वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया है. लेकिन इसी बीच रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी गति को अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा जोखिम करार दिया है. मूडीज ने बुधवार को कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटा दिया है.
ग्रोथ रेट 9.6% रहने का अनुमान
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 9.6% रह सकती है. ये उसके पिछले 13.9% की वृद्धि दर के अनुमान से काफी कम है. मूडीज का कहना है अर्थव्यवस्था के नुकसान को अप्रैल-जून तिमाही तक सीमित रखने के लिए देश में तेजी से वैक्सीनेशन किया जाना सबसे महत्वपूर्ण है.
दूसरी लहर ने पैदा की अनिश्चितता
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट ‘मैक्रोइकोनॉमिक्स इंडिया : कोविड की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था को झटका पिछले साल जैसा नहीं’ में ये बात कही. उसका कहना है कि कोविड की इस दूसरी लहर ने 2021 के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि अनुमान को लेकर अनिश्चितता पैदा की है. हालांकि संभावना है कि अर्थव्यवस्था को पहुंचने वाला ये नुकसान सिर्फ अप्रैल-जून तिमाही तक ही सीमित रहेगा.
2022 में 7% रह सकती है वृद्धि दर
मूडीज ने 2021 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 9.6% किया है. और 2022 में उसने भारत का ग्रोथ रेट 7% रहने का अनुमान जताया है.
इससे पहले महीने की शुरुआत में मूडीज ने चालू वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक देश की अर्थव्यवस्था में 9.3% की दर से बढ़ने का अनुमान जताया था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था के जोखिम को बढ़ा दिया है. बीते वित्त वर्ष 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था में 7.3% की गिरावट दर्ज की गई थी. जबकि उससे पहले 2019-20 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4% थी.
मात्र 3.6% आबादी का पूरा वैक्सीनेशन
कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार को अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम बताते हुए मूडीज ने कहा कि जून के तीसरे सप्ताह तक देश की मात्र 16% आबादी को ही वैक्सीन का एक डोज मिला है. जबकि पूरी तरह टीकाकरण यानी दोनों खुराक लेने वाली आबादी मात्र 3.6% है. ऐसे में आर्थिक नुकसान को मौजूदा तिमाही तक सीमित रखने के लिए तेजी से वैक्सीनेशन किया जाना जरूरी है.
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