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Moonlighting: विप्रो को मिला हर्ष गोयनका का साथ, कहा- Swiggy से नहीं कर सकते तुलना

Harsh Goenka On Moonlighting: हर्ष गोयनका ने कहा है कि विप्रो की तुलना स्विगी से नहीं की जा सकती. गौरतलब है कि सिर्फ विप्रो ऐसी कंपनी नहीं है, जो मूनलाइट पॉलिसी के विरोध में है, बल्कि Infosys, TCS और IBM जैसी आईटी कंपनियों ने इसके खिलाफ मोर्चा संभाला हुआ है.

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विप्रो को मिला हर्ष गोयनका का साथ
विप्रो को मिला हर्ष गोयनका का साथ

मूनलाइटिंग (Moonlighting) यानी एक कंपनी में नौकरी करते हुए दूसरी जॉब करने की छूट. इस समय यह मुद्दा जोर-शोर से गर्माया हुआ है. इसकी चर्चा तबसे और तेज हो गई, जब दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) ने ऐसा कर रहे अपने 300 कर्मतारियों को निकाल बाहर कर दिया. दरअसल, विप्रो चेयरमैन शुरू से इस पॉलिसी के विरोध में हैं और अब आरपीजी एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) भी उनके समर्थन में आ गए हैं. 

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Tweet के जरिए किया समर्थन 
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, RPG एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने ट्विटर के जरिए मूनलाइट पॉलिसी पर अपनी राय रखते हुए विप्रो चेयरमैन रिशद प्रेमजी का सपोर्ट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ' Wipro vs Swiggy, आईटी सेवाएं मुहैया कराने वाली दिग्गज कंपनी विप्रो की तुलना ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी से नहीं की जा सकती है. विप्रो फॉर्च्यून 500 (Fortune 500) क्लाइंट्स के साथ डील करता है, जिसके लिए डाटा गोपनीयता सबसे अहम है. अगर ग्राहक को डाटा समझौता करने का एक भी मौका मिलता है, तो इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'

Swiggy से हुई शुरुआत 
देश में बीते कुछ दिनों से जारी मूनलाइट पॉलिसी (Moonlight Policy) पर बहस दरअसल, ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) द्वारा अपने कर्मचारियों को छूट देने के बाद हुई. इसके बाद Moonlighting को लेकर रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) ने ट्विटर पर अपनी राय व्यक्त की, जिसमें उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी सीधा धोखा है, खासकर आई सेक्टर के लिए. इसके बाद उनके इस ट्वीट की आलोचना भी खूब हुई. 

पॉलिसी को लेकर शुरू हुई तीखी बहस
विप्रो द्वारा 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के बाद इस पॉलिसी को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई है. यहां बता दें Moonlighting के विरोध में अकेली विप्रो नहीं है, बल्कि इंफोसिस (Infosys), टीसीएस (TCS) और आईबीएम (IBM) जैसी आईटी कंपनियों ने इसके खिलाफ मोर्चा संभाला हुआ है. इस पर जारी बहस के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री (Union Minister of State), इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने मूनलाइटिंग का समर्थन जरूर किया है, लेकिन साथ ही कहा है कि कर्मचारियों को किसी कंपनी के साथ किए अनुबंध के उल्लंघन के प्रति आगाह भी किया है. 

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विप्रो ने 300 कर्मचारियों को किया बाहर
ताजा मामले की बात करें तो यह मुद्दा सुर्खियों में भी विप्रो से जुड़ी खबर के चलते आया. दरअसल, जहां एक ओर कंपनी के चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) इस पॉलिसी की खिलाफत करते रहे, लेकिन उन्हीं की कंपनी में एक-दो नहीं बल्कि पूरे 300 कर्मचारी Moonlighting करते धरे गए. हालांकि, एक साथ दो नौकरियां करने वाले इन सभी कर्मचारियों को विप्रो चेयरमैन ने नौकरी से निकालते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया और इस पॉलिसी को लेकर अपनी बात दोहराते हुए कहा कि वह अपने बयान पर अडिग हैं और विप्रो में यह पॉलिसी नहीं चलेगी. इसके बाद उनकी इस कार्रवाई को कठोर निर्णय करार दिया था. 

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