एशिया के सबसे धनी व्यक्ति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपने करीब 15.48 लाख करोड़ रुपये (208 अरब डॉलर) के कारोबारी साम्राज्य के लिए उत्तराधिकार की एक महत्वाकांक्षी योजना बना रहे हैं.
न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. तेल से लेकर टेलीकॉम तक फैले इस कारोबार के लिए उत्तराधिकार में मुकेश अंबानी वाल्टन (Sam Walton) परिवार की राह पर चलना पसंद करेगा. गौरतलब है कि दुनिया के सबसे बड़े रिटेल चेन Walmart Inc के फाउंडर सैम वाल्टन ने उत्तराधिकार का बहुत सरल मॉडल अपनाया है. परिवार को केंद्र में रखो, लेकिन मैनेजमेंट कंट्रोल अलग-अलग हाथों में दो.
64 वर्षीय मुकेश अंबानी का अपना नेटवर्थ ही करीब 7 लाख करोड़ रुपये (94 अरब डॉलर) का है. उन्होंने आधिकारिक रूप से अभी ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है कि वह अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो रहे हैं. अभी उन्हें इस बारे में अंतिम निर्णय करना है, लेकिन कंपनी के मौजूदा कामकाज से यह साफ है कि मुकेश अंबानी सक्रियता से एक उत्तराधिकार योजना तैयार करने में लगे हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज में फिलहाल मुकेश अंबानी की हिस्सेदारी बढ़कर 50.6 फीसदी हो चुकी है, जबकि मार्च 2019 में यह 47.27 फीसदी थी.
नई पीढ़ी को तैयार कर रहे
जून में रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना महासभा (AGM) को संबोधित करते हुए मुकेश अंबानी ने यह संकेत दिया था कि उनके बच्चे अब परिवार के विशाल साम्राज्य में प्रमुख स्थान हासिल करेंगे.
मुकेश अंबानी ने इस मामले में समय से काफी पहले सोचा है. उनके जुड़वा बच्चे आकाश और ईशा अंबानी रिटेल और टेलीकॉम जैसे नए जमाने के कारोबार में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. साल 2014 में दोनों को रिलायंस के टेलीकॉम और रिटेल कारोबार में डायरेक्टर बनाया गया. फिलहाल उनके छोटे बेटे अनंत अंबानी जियो प्लेटफॉर्म्स में डायरेक्टर हैं. वह एक डायरेक्टर के रूप में रिलायंस रीन्यूएबल एनर्जी और ऑयल ऐंड केमिकल यूनिट का भी कारोबार देख रहे हैं.
क्या होगा उत्तराधिकार में?
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सहज तरीके से कारोबारी विरासत सौंपने के लिए मुकेश अंबानी फैमिली होल्डिंग को एक ट्रस्ट की तरह बनाएंगे. यह ट्रस्ट ही रिलायंस इंडस्ट्रीज पर पूरी तरह से नियंत्रण रखेगा. इसके बोर्ड में परिवार के सभी सदस्यों को शामिल किया जाएगा जिसमें मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी नीता अंबानी, तीनों बच्चे होंगे. इस बोर्ड में मुकेश अंबानी के कई करीबी लोगों को भी जगह दी जा सकती है. योजना के मुताबिक कंपनी के मुख्य कामकाज को देखने के लिए बाहर के प्रोफेशनल्स को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.